Last Updated: Wednesday, July 24, 2013, 23:44
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत के साल 2008 के विवादास्पद बटला हाउस पुलिस मुठभेड़ मामले में कल अपना फैसला सुनाने की उम्मीद है। इस मामले में इंडियन मुजाहिदीन का संदिग्ध आतंकवादी शहजाद अहमद मुकदमे का सामना कर रहा है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री ने गत 20 जुलाई को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील पूरी होने के बाद फैसला बाद में सुनाने को कहा था। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 70 गवाहों का परीक्षण किया। इसमें छह प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल हैं, जो छापेमारी करने वाले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ का हिस्सा थे।
अपनी अंतिम दलीलों में अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि बटला हाउस में जामिया नगर के फ्लैट में शहजाद मौजूद था इस बात को साबित करने के लिए उसके पास पर्याप्त परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं और वह उन लोगों में शामिल था जिसने पुलिस दल पर गोली चलाई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस के निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई थी।
उसने कहा था कि 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान पुलिस दल पर गोली चलाने के बाद शहजाद के साथ अन्य आरोपी जुनैद बालकनी से बाहर कूदकर भाग गया था। शहजाद के वकील ने हालांकि दावा किया कि जब कथित मुठभेड़ हुई तो शहजाद फ्लैट में मौजूद नहीं था।
बचाव पक्ष ने दावा किया था कि बैलिस्टिक रिपोर्ट के अनुसार दिवंगत पुलिस अधिकारी के शरीर में लगी गोली घटनास्थल से बरामद की गई बंदूक से मेल खा रही थी और उस हथियार से मेल नहीं खा रही थी जिसे कथित तौर पर शहजाद के कब्जे से उसकी गिरफ्तारी के समय बरामद किया गया था।
शहजाद की तरफ से यह दावा किया गया कि किसी भी प्रत्यक्षदर्शी ने फ्लैट में रह रहे लोगों का विवरण नहीं दिया । शहजाद कथित तौर पर जामिया नगर के उस फ्लैट में रह रहे लोगों में था, जहां 19 सितंबर 2008 को विशेष प्रकोष्ठ के अधिकारियों और इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। ये आतंकवादी कथित तौर पर 13 सितंबर 2008 को करोलबाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश और इंडिया गेट पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में शामिल थे जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और 133 घायल हुए थे।
आरोप पत्र में अन्य आरोपियों के नाम जुनैद, मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और मोहम्मद साजिद बताए गए हैं। हालांकि, मोहम्मद सैफ को आरोपी नहीं बनाया गया था क्योंकि जब मुठभेड़ चल रही थी तो उसने कथित तौर पर खुद को बटला हाउस के एल-18 के शौचालय के भीतर बंद कर लिया था और उसने शांतिपूर्ण तरीके से आत्मसमर्पण कर दिया था। जहां आतिफ और साजिद मुठभेड़ में मारे गए थे वहीं जुनैद को मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 23:44