Last Updated: Tuesday, January 1, 2013, 18:54

नई दिल्ली : सरकार ने राजनीतिक पार्टियों से महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान करने और त्वरित न्याय के लिए कानून में संशोधन करने को लेकर गठित न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति को अपने विचार देने को कहा है।
दिल्ली में चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मद्देनजर सभी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को लिखे अपने पत्र में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ क्रूर प्रकृति के यौन उत्पीड़न से जुड़े मौजूदा कानून की समीक्षा की जरूरत को लेकर अपने व्यग्र विचार प्रकट किए हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने फौजदारी कानून में संभावित संशोधन पर गौर करने के लिए 23 दिसंबर को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी ताकि इस तरह के मामलों में त्वरित सुनवाई हो और सख्त सजा मिल सके।
शिंदे ने अपने पत्र में कहा है, ‘यदि आप इस मुद्दे पर अपने विचार समिति को देते हैं तो मैं आपका शुक्रगुजार होउंगा। इससे समिति अपनी सिफारिशें करने के लिए इन पर विचार कर सकेगी। मैं आपसे यथाशीघ्र अपने विचार देने का अनुरोध करता हूं क्योंकि समिति को शीघ्रता से अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने को कहा गया है।’
तीन सदस्यीय इस समिति को 30 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है। समिति के अन्य सदस्य हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) लीला सेठ तथा सॉलीसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम हैं।
न्यायमूर्ति वर्मा समिति पूरी तरह से अपने कार्य में जुट गई है और यह नई दिल्ली में विज्ञान भवन एनेक्सी में स्थित है। इससे टेलीफोन नंबर 011-23022031 और ईमेल पता ‘जस्टिस डॉट वर्मा एट द रेट ऑफ निक डॉट इन’ पर संपर्क किया जा सकता है।
मौजूदा कानून के तहत बलात्कार के मामले में अधिकतम सजा के रूप में उम्र कैद का प्रावधान है लेकिन 16 दिसंबर की घटना के चलते हुए राष्ट्रव्यापी जनाक्रोश के बाद बलात्कारियों के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही है।
इस पीड़िता ने बीते शनिवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों पर सख्त कानून के लिए और इस घटना को अंजाम देने वालों को सख्त सजा देने के लिए सरकार को कुछ अहम सुझाव दिए हैं।
भाजपा ने भी इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों को मौत की सजा दिए जाने की हिमायत की है और कानून में संशोधन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
हालांकि सरकार ने संसद का अविलंब सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मुद्दे पर कोई फैसला किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 1, 2013, 16:31