Last Updated: Monday, December 26, 2011, 12:13

नई दिल्ली : लोकपाल विधेयक के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन की पूर्व संध्या पर सरकार ने सोमवार को गांधीवादी समाजसेवी से कहा कि उन्हें मंगलवार को अपना आंदोलन शुरू करने से पहले संसद में होने वाली बहस के नतीजे की प्रतीक्षा करनी चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सभी को लोकपाल का फैसला संसद पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि इस समय वह उसके अधिकार क्षेत्र में है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि अन्ना का होने वाला अनशन बेतुका है। संसद में बहस के समय अनशन नहीं करना चाहिए। कांग्रेस की ओर से यह बात भी कही गई कि अन्ना और उनकी टीम को बीजेपी और आरएसएस से संबंध साफ करना चाहिए।
उन्होंने यहां कहा कि सरकार पहले ही लोकसभा में विधेयक पेश कर चुकी है। यह बेहद प्रभावी और मजबूत विधेयक है। लिहाजा, मुझे लगता है कि हमें संसद के निर्णय का साथ देना चाहिए। हर कोई उस पर चिंतन कर रहा है। शुक्ला ने कहा कि संसद ही लोकपाल विधेयक का भाग्य तय करेगा।
उन्होंने कहा कि मैं उनसे (अन्ना हजारे से) संसद का फैसला आने तक प्रतीक्षा करने के लिए कहूंगा। उन्होंने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि क्या हजारे को इस मुद्दे पर ज्यादा धर्य दिखाने की जरूरत है। सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए ‘कमजोर’ लोकपाल विधेयक के खिलाफ अन्ना मुंबई में कल से तीन दिन का अनशन शुरू करेंगे। लोकसभा में कल से इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा शुरू होने की संभावना है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 17:43