Last Updated: Thursday, December 6, 2012, 16:30

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रायबरेली की अदालत को निर्देश दिया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और 19 अन्य अभियुक्तों के खिलाफ लंबित मुकदमे की तेजी से सुनवाई की जाये। इन सभी के खिलाफ अदालत ने आपराधिक साजिश का आरोप खत्म कर दिया था।
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के वकील की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की और निचली अदालत से कहा कि इस मुकदमे की सुनवाई तेजी से की जाये। जांच ब्यूरो ने ही भाजपा नेता आडवाणी और अन्य आरोपियों के खिलाफ साजिश का आरोप समाप्त करने के अदालत के निर्णय को चुनौती दे रखी है।
इस बीच, न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को आरोपियों की सूची से शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे का नाम हटाने की अनुमति दे दी है जिनका पिछले महीने निधन हो गया था।
न्यायाधीशों ने इस मामले में जांच ब्यूरो की ओर से बहस के लिए अनुपस्थित रहने पर अतिरिक्त सालिसीटर जनरल अमरजीत सिंह चंडियोक को आड़े हाथ लिया और कहा कि विधि अधिकारी न्यायालय को हल्के में ले रहे हैं।
जांच ब्यूरो आडवाणी के साथ ही कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान, सी आर बंसल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, साध्वी ऋतंबरा, विष्ण हरि डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, आर वी वेदांती, परमहंस राम चंद्र दास, जगदीश मुनि महाराज, बैकुण्ठ लाल शर्म, नृत्यु गोपाल दास, धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप में मुकदमा चलाना चाहती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 6, 2012, 16:30