बाबरी विध्वंस की बरसी पर लोकसभा में हंगामा

बाबरी विध्वंस की बरसी पर लोकसभा में हंगामा

नई दिल्ली : अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराए जाने की 20वीं बरसी पर इस घटना को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के हंगामे के कारण आज लोकसभा की बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही शुरू होने के बाद एक बार फिर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन को पाकिस्तान के संसदीय शिष्टमंडल के विशिष्ठ गैलरी में मौजूद होने की जानकारी दी। इसके बाद अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, बसपा के शफीकुर्ररहमान बर्क आयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराये जाने का मुद्दे उठाते हुए काला झंडा लहराने लगे। उनके साथ एआईएमआईएम के असादुद्दीन ओवैसी भी यह विषय उठाने लगे और इसके दोषियों को दंडित किये जाने की मांग करने लगे।

भाजपा एवं शिवसेना सदस्य विवादास्पद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण और काला झंडा दिखाने पर बर्क को निलंबित करने की मांग करते देखे गए। अध्यक्ष ने काला झंडा लहराने वाले बर्क को तत्काल झंडा हटाने का निर्देश देने हुए कहा कि इस प्रकार से वह संसद का निरादर नहीं कर सकते हैं। आप संसद में काला झंडा नहीं लहरा सकते।

वामदलों और सपा सदस्यों को भी विवादास्पद ढांचा गिराने का विरोध करते देखा गया। ओवैसी और बर्क अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। इसके बाद भाजपा और शिवसेना सदस्य भी आसन के समीप आ गए। अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को समझाते हुए कहा कि वह अपनी बात शून्यकाल के दौरान रख सकते हैं। अध्यक्ष ने सदस्यों को अपने स्थान पर चले जाने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। लेकिन इसका कोई प्रभाव पड़ते नहीं देख उन्होंने 10 मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति पीसी चाको ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और शून्यकाल शुरू करते हुए माकपा के बासुदेव आचार्य का नाम पुकारा।

इसी बीच , भाजपा के अनंत कुमार ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया लेकिन चाको ने उन्हें ऐसा करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि शून्यकाल में व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाया जाता है। लेकिन अनंत कुमार अपनी बात पर अड़े रहे और कहा कि बसपा सदस्य द्वारा सदन में काले झंडे दिखाना कोई छोटी मोटी बात नहीं है और इसके लिए सबसे पहले बर्क को सदन से बाहर जाने को कहा जाए।

चाको ने बार बार आश्वासन दिया कि वह उन्हें उनकी बात रखने का मौका देंगे लेकिन पहले जिस सदस्य का नाम पुकारा गया है उसे बोलने दें।
लेकिन अनंत कुमार पहले अपनी बात कहने का अवसर दिए जाने की मांग पर अड़े रहे और इसी बीच भाजपा तथा शिवसेना सदस्य आसन के समक्ष आकर ‘कसम राम की खाएंगे , मंदिर वहीं बनाएंगे’ जैसे नारे लगाने लगे।

भाजपा-शिवसेना सदस्यों के नारों के जवाब में सपा और बसपा के सदस्य भी अगली पंक्तियों में आकर उनके खिलाफ कुछ कहते देखे गए लेकिन हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। व्यवस्था बहाल होते नहीं देख चाको ने करीब दस मिनट बाद ही कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 6, 2012, 12:34

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