Last Updated: Saturday, June 22, 2013, 16:14

बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नरेंद्र मोदी का प्रभाव बढ़ने को लेकर पार्टी की कर्नाटक इकाई में एक अलग तरह का उत्साह दिखाई दे रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री के उदय से पूर्व भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा की पार्टी में वापसी की उम्मीद लगाई जा रही है। येदियुरप्पा समर्थक अपने नेता को 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी में वापस लाने के प्रयास में हैं।
अभी तक भाजपा के केवल एक विधायक जी. मधुसूदन ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर येदियुरप्पा को वापस लिए जाने की अपील की है, लेकिन कर्नाटक पूर्व मुख्यमंत्री के कई समर्थक अपने नेता की वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। मोदी के लोकसभा चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद येदियुरप्पा की वापसी के प्रयासों में तेजी आई है। मोदी की नियुक्ति को पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी को पूरी तरह हाशिए पर सिमट जाने के रूप में देखा जा रहा है।
आडवाणी पार्टी में येदियुरप्पा के सबसे बड़े आलोचक माने जाते रहे हैं। येदियुरप्पा का तीन वर्ष का कार्यकाल दुष्कर्म, भ्रष्टाचार और गैर कानूनी भूमि सौदा से संबंधित घोटालों के कारण विवादित रहा। इसके अलावा कर्नाटक को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जिस तरह से लिया, आडवाणी उसके भी कट्टर आलोचक रहे। येदियुरप्पा के समर्थकों का स्पष्ट रूप से मानना है कि भाजपा में आडवाणी युग का समापन हो चुका है, इसलिए उनके नेता की वापसी का यही सही वक्त है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 22, 2013, 16:14