Last Updated: Tuesday, January 22, 2013, 19:54

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष चुनाव को लेकर अब पार्टी के अंदर ही घमासान तेज हो गया है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेता यशवंत सिन्हा पार्टी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यशवंत सिन्हा बीजेपी के अध्यक्ष पद के चुनाव में मौजूदा अध्यक्ष नितिन गडकरी को चुनौती दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि यशवंत सिन्हा ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का फार्म भी मंगवाया है। गौर हो कि बुधवार को बीजेपी के अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है।
इस बीच, मंगलवार को आयकर विभाग ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के पूर्ति समूह से कथित तौर पर जुड़ी कंपनियों के मुंबई में नौ स्थानों पर जांच शुरू की। गडकरी की कंपनी के एक बार फिर आयकर विभाग के घेरे में आने के बाद कथित तौर पर पार्टी के अंदर विरोध शुरू हो गया है। कई वरिष्ठ नेता गडकरी को दोबारा पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
भाजपा के लिए शर्मिन्दगी जैसी स्थिति पैदा करते हुए अध्यक्ष पद के चुनाव की पूर्व संध्या पर पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने नितिन गडकरी के दूसरे कार्यकाल की दावेदारी को चुनौती देने का संकेत दिया है।
गडकरी पर निजी व्यापार में लगे अनियमितताओं के आरोपों के चलते उनसे इस्तीफा देने की पहले ही मांग कर च़ुके सिन्हा ने मंगलवार को होने जा रहे अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र और मतदाता सूची लेकर भाजपा अध्यक्ष और पार्टी को अजीबो-गरीब स्थिति में डाल दिया है। आज ही गडकरी से जुड़ी पूर्ती कंपनी से संबंधित नौ ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे मारे हैं।
भाजपा अध्यक्ष पद का दूसरा कार्यकाल पाने के इतने करीब पंहुच चुके गडकरी के लिए आज की दिन दोहरे आघात जैसा साबित हुआ है। पार्टी सूत्रों ने हालांकि कहा कि गडकरी को दूसरा कार्यकाल पाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। नामांकन पत्र भरने और उसे वापस लेने का कल अंतिम दिन है। अगर नामांकन पत्र भरने वाला कोई दावेदार उसे वापस नहीं लेता है तो ऐसी स्थिति में चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी। गडकरी मंगलवार को नामांकन पत्र भरेंगे।
सिन्हा द्वारा नामांकन पत्र लिए जाने की पुष्टि करते हुए संगठनात्मक चुनावों के प्रभारी थावरचंद गहलोत ने कहा कि भाजपा का कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है। इससे पहले महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया कि गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उन्हें नामांकन पत्र नहीं दिया गया। गहलोत ने हालांकि इससे इनकार किया और कहा कि नामांकन पत्र तो पार्टी की वेब्साइट और भाजपा के प्रदेश कार्यालयों में भी उपलब्ध हैं।
जानकारी के अनुसार, यशवंत सिन्हा भी गडकरी को दूसरा कार्यकाल दिए जाने को लेकर सहमत नहीं है और आरएसएस के फैसले से अपरोक्ष तौर पर असहमत हैं। ज्ञात हो कि वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी के पुत्र महेश जेठमलानी ने भी सोमवार को अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन फार्म मंगवाया था। ये पहले भी गडकरी की खिलाफत कर चुके हैं। गडकरी को पार्टी का दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी के कई बड़े नेता पहले भी विरोध जता चुके हैं।
उधर, भाजपा सूत्रों ने बताया कि गडकरी आज शाम यहां पहुंचेंगे और कल अपना नामांकन पत्र भरेंगे। उन्होंने दावा किया कि दूसरा कार्यकाल पाने में गडकरी के रास्ते में कोई बाधा नहीं आएगी। सूत्रों के अनुसार चुनाव की नौबत नहीं आएगी और वह निर्विरोध निर्वाचित घोषित होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भाजपा के विधान के कड़े प्रावधानों के देखते हुए गडकरी के अलावा किसी अन्य का नामांकन पत्र स्वीकार हो पाना मुश्किल है।
इस पद का उम्मीदवार बनने के लिए किसी को लगातार 12 साल तक पार्टी का सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है। साधारण सदस्य के लिए यह शर्त 15 साल की है। इसके अतिरिक्त इस पद का उम्मीदवार बनने के लिए पांच अलग अलग प्रदेश इकाइयों में से प्रत्येक से कम से कम 20 प्रस्तावकों का हस्ताक्षर चाहिए होता है, जिसकी कुल संख्या 100 हो जाती है।
सूत्रों ने कहा कि इस हिसाब से महेश जेठमलानी इसकी पात्रता ही नहीं रखते और सिन्हा के लिए पांच राज्यों से 100 समर्थक जुटा पाना मुश्किल क्या नामुमकिन सा है। गडकरी पर उनकी कंपनी द्वारा अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य रामजेठमलानी ने सबसे पहले उनके इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था कि वह अपने पाक साफ साबित होने तक पार्टी के वरिष्ठ पद से हट जाएं।
बाद में यशवंत सिन्हा, शत्रुध्न सिन्हा और महेश जेठमलानी ने भी उनसे इस्तीफे की मांग कर डाली।
First Published: Tuesday, January 22, 2013, 18:06