Last Updated: Tuesday, May 28, 2013, 19:59
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नई दिल्ली : भाजपा नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले पार्टी के सांसद राम जेठमलानी को ‘‘अनुशासनहीनता’’ के आरोप में छह साल के लिए दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी की शीर्ष नीति निर्णायक इकाई केन्द्रीय संसदीय बोर्ड ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया। पार्टी नेतृत्व के विरूद्ध अक्सर बागी तेवर अपनाने वाले 89 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य जेठमलानी की मुहिम के चलते पार्टी विधान में संशोधन करने के बावजूद तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष नहीं बन पाए।
गडकरी की कपंनी पूर्ती समूह पर अनियमितताओं के आरोप लगने पर उनके विरूद्ध मुहिम छेड़ने के चलते पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किए जाने पर भी जेठमलानी हाल में संपन्न संसद के बजट सत्र के दौरान पार्टी की संसदीय दल की बैठक में चले गए और पार्टी नेतृत्व को खूब खरी खोटी सुनाई।
पार्टी से निष्कासित किए जाने संबंधी आज जारी पत्र में भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने कहा, ‘‘पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 27 मई को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय किया गया है।’’ पत्र में कहा गया कि 26 नवंबर 2012 को दिए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में जेठमलानी ने कई जवाब दिए और संवाद किए, लेकिन पार्टी उनसे संतुष्ट नहीं है। इसमें कहा गया, ‘‘आपके सभी जवाबों और अन्य संवादों पर विचार करने के बाद संसदीय बोर्ड सर्वसम्मति से इस निर्णय पर पहुंचा है कि आपने अनुशासन तोड़ा है और बोर्ड आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित करता है।’’
निष्कासन पत्र में कहा गया कि जेठमलानी ने कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब देने की बजाय यह कह कर पार्टी के प्रभुत्व को चुनौती दी कि पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है। इसमें कहा गया, ‘‘आप अपने जवाबों में पार्टी को शर्मिन्दगी की स्थिति में डालने वाले अपने बयानों के बारे में पूछे गए सवालोंे का उत्तर देने में असफल रहे हैं।’’ इसमें कहा गया, आपने लोकसभा में विपक्ष की नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष के उपर लगाए गए अपने आरोपों के संबंध में भी पार्टी के प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए हैं।
इसमें जेठमलानी पर यह आरोप भी लगाया गया कि 6 मई 2013 को उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमोंे पर संसदीय समिति के सदस्यों के निर्वाचन पर पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया।
जेठमलानी को पार्टी से उस समय निलंबित किया गया था जब वह गडकरी को अध्यक्ष पद का दूसरा कार्यकाल दिए जाने के खिलाफ यह कह कर मुहिम चला रहे थे कि (गडकरी की) पूर्ती समूह कंपनियों में कथित अनियमितताओं के आरोपों में पाक-साफ होकर निकलने तक उन्हें भाजपा के शीर्ष पद से हट जाना चाहिए।
उन्होंने रंजीत सिंह को सीबीआई प्रमुख बनाए जाने की भाजपा की आलोचनों को भी गलत बताते हुए सरकार की ओर से की गई इस नियुक्ति की प्रशंसा की थी।
निलंबन के बावजूद हाल ही में संपन्न संसद के बजट सत्र के दौरान जेठमलानी सत्र के दौरान होने वाली पार्टी की साप्तहिक संसदीय दल की बैठक में चले गए और उन्हें पार्टी से निलंबित रखे जाने पर सवाल किए। उस बैठक में उन्होंने पार्टी पर यह आरोप भी लगाया कि वह संसद में कांग्रेस पर प्रहार करने में नरमी बरत रही है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 28, 2013, 14:21