Last Updated: Thursday, June 13, 2013, 14:03
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/पटना : नरेंद्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही राजग में दरार आ गई है। एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट बनाने की बात छेड़ दी है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी जदयू के साथ संबंध बढ़ाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए उसके द्वार खुले हुए हैं।
इस बीच नीतीश कुमार ने भी कांग्रेस से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अगर बिहार के पिछड़े राज्य का दर्जा दिया जाता है तो कांग्रेस के समर्थन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। रंजन ने कहा कि राजनीति में सभी संभावनाएं खुली होती है। फिलहाल हम एनडीए का हिस्सा हैं। हमारी पहली प्राथमिकता गठबंधन पर फैसले को लेकर है।
कांग्रेस नेता और संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने टीवी न्यूज चैनलों से कहा कि कोई भी धर्मनिरपेक्ष दल सहयोगी दल हो सकता है। सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए हमारे द्वार खुले हुए हैं- अभी और भविष्य में भी। साथ ही उन्होंने भाजपा और राजग के भीतर बखेड़ा पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मोदी को लेकर भाजपा व जेडीयू में चल रही तकरार के बीच नीतीश को ममता बनर्जी का भी साथ मिला है। ममता ने `फेडरल फ्रंट` में शामिल होने के लिए जदयू को भी न्योता दिया है। भाजपा और जेडीयू गठबंधन में टूट की चर्चाओं के बीच बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के प्रतिनिधि केसी त्यागी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की। बनर्जी ने त्यागी से बातचीत को सफल बताते हुए कहा कि उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक फेडरल फ्रंट बनाने के बारे में बात की है।
भाजपा-जेडीयू के बीच मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि 17 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है। नीतीश कुमार ने बुधवार शाम 14 जून के बाद के अपने सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि 15 से 17 जून के बीच किसी भी समय वे भाजपा से गठबंधन टूटने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि दिल्ली में बैठे भाजपा नेता और जदयू अध्यक्ष शरद यादव गठबंधन को बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
First Published: Thursday, June 13, 2013, 10:00