बेनी प्रकरण : मुलायम ने यूपीए सरकार की धड़कनें बढ़ाई

बेनी प्रकरण : मुलायम ने यूपीए सरकार की धड़कनें बढ़ाई

बेनी प्रकरण : मुलायम ने यूपीए सरकार की धड़कनें बढ़ाईनई दिल्ली : द्रमुक के समर्थन वापस लेने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के इस्तीफे की मांग करते हुए सरकार को आज संशय में रखा। वर्मा द्वारा सिर्फ खेद जताए जाने से संतुष्ट न होते हुए मुलायम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और बाद में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से चर्चा की, जो सदन स्थगित होने के बाद उनसे हाथ जोड़कर बात करतीं नजर आईं। सख्त दिख रहे मुलायम ने कहा कि उन्होंने गुरुवार सुबह नौ बजे सपा सांसदों की बैठक बुलाई है।

मुलायम ने वर्मा द्वारा खेद जताए जाने के बाद उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर संसद भवन से निकलते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘हम पहले सपा सांसदों विचार सुनेंगे और फिर फैसला करेंगे।’ मुलायम को शांत करने के कांग्रेस नेताओं के निराशाजनक प्रयासों के बीच सपा प्रमुख ने राकांपा मुखिया शरद पवार से मुलाकात की, जिससे ऐसे समय राजनीतिक जोड़तोड़ की अटकलें लगाई जा रही हैं जब मध्यावधि चुनावों के बारे में चर्चा शुरू होने लगी है।
मुलायम और पवार की मुलाकात ऐसे समय हुई है जब सपा वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रही है और द्रमुक सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मेल-मिलाप की संभावना से इनकार कर रही है।

उधर, सरकार से समर्थन वापसी के एक दिन बाद द्रमुक के पांच मंत्रियों ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने इस्तीफे सौंप दिए। द्रमुक संप्रग को छोड़ने वाली दूसरी पार्टी है। इससे पहले पिछले साल ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर संप्रग से अलग हो गई थी।

सपा ने कहा है कि वह वर्मा के ‘खेद’ जताए जाने से संतुष्ट नहीं हैं और सपा चाहती है कि मंत्री बिना शर्त माफी मांगें। वर्मा कभी मुलायम के करीबी होते थे। मुलायम की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सपा नेता शैलेंद्र कुमार ने कहा, ‘खेद जताने और माफी मांगने में अंतर है।’ राकांपा जहां संप्रग का महत्वपूर्ण सहयोगी घटक दल है, वहीं सपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। ये घटनाक्रम ऐसे समय हुए हैं जब सरकार ने कहा कि संकट खत्म हो गया है और ‘मामला समाप्त है।’

लोकसभा के स्थगनों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने मुलायम से अलग-अलग मुलाकात की। माना जाता है कि इस दौरान उन्होंने मुलायम से कहा कि कांग्रेस वर्मा की टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करती है। द्रमुक के हटने के बाद लोकसभा में संप्रग के सदस्यों की संख्या घटकर 224 रह गई है, लेकिन इसे 281 सांसदों का समर्थन हासिल है जिनमें बाहर से समर्थन कर रहीं पार्टियां भी शामिल हैं। लोकसभा में फिलहाल 539 सांसद हैं और चार सीटें खाली हैं। आधा आंकड़ा 270 का है। सपा के अतिरिक्त बाहर से समर्थन कर रहे 57 सदस्यों में बसपा के 21 लोकसभा सांसद शामिल हैं।

लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि वर्मा ने सपा मुखिया की छवि खराब की है जो ‘सदन के सम्मानित नेता हैं। उन्हें या तो आरोप साबित करना चाहिए या माफी मांगनी चाहिए।’ वर्मा ने आरोप लगाया था कि मुलायम के आतंकवादियों से संबंध हैं जिससे सपा की भृकुटि तन गई। सुषमा ने कहा कि इस तरह की ‘अपमानजनक टिप्पणी’ करने के बाद वर्मा को ‘पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन ‘यह सदन के विशेषाधिकार का मामला है।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 20, 2013, 21:58

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