Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 09:44
चेन्नई : नार्वे ने कहा कि भारतीय बच्चों के संरक्षण का मसला सुलझना दोनों देशों के बीच बेहतर द्विपक्षीय रिश्ते को प्रदर्शित करता है। वहीं, नार्वे की एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नार्वे की अदालत द्वारा दो प्रवासी भारतीय बच्चों को बाल संरक्षण सेवा से लेकर उन्हें उनके चाचा को सौंपे जाने का फैसला ‘बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हित में लिया गया।
नार्वे के पर्यावरण मंत्रालय की स्टेट सेकेट्ररी हेइदी सोरेंसन ने इस मुद्दे पर भारत सरकार के ‘सक्रिय और रचानात्मक’ सहयोग की प्रशंसा करते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार इस बात से बेहद खुश है कि बच्चों के हित में यह मामला सुलझ गया। हेइदी ने कहा कि मैं समझती हूं कि यह बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हित में है। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत और बाल संरक्षण सेवा का फैसला इस समझ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में उनकी सरकार ने भारत सरकार के साथ नजदीकी वार्ता की थी। हेइदी ने कहा कि और मैं वास्तव में भारत सरकार के सक्रिय और रचनात्मक सहयोग के लिये उसकी शुक्रगुजार हैं।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 23:19