Last Updated: Saturday, September 29, 2012, 16:47

नई दिल्ली : देश के प्रथम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा का सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। हृदय रोग के चलते कल रात उनका यहां निधन हो गया। मिश्रा के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे लोदी रोड शवदाहगृह में उनका दाह संस्कार किया जाएगा।
मिश्रा (83) को वसंत कुंज स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में बीती रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर मृत घोषित कर दिया था। वह कुछ समय से बीमार थे। पूर्व राजनयिक मिश्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त होने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उनके प्रधान सचिव थे। उन्होंने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी की सहायता करने में अहम भूमिका निभाई थी।
वर्ष 2004 में राजग सरकार के सत्ता से हटने के बाद और वाजपेयी के राजनीतिक गलियारों से दूर होने के बाद मिश्रा ने भी भाजपा से अपनी दूरी बना ली। इसके बाद उन्होंने कई बार विदेश नीति के विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रूख की आलोचना की।
उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु करार की भी उस वक्त हिमायत की थी, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका के साथ इस विषय पर बात कर रहे थे। इस करार का विरोध करने को लेकर उन्होंने भाजपा की आलोचना की थी।
वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे कद्दावर व्यक्ति माने जाने वाले मिश्रा ने एक संकट मोचक के रूप में अपनी क्षमताओं का परिचय दिया। वह भाजपा में 1991 में शामिल हुए और वाजपेयी के प्रधान सचिव बनने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
उन्होंने चीन के साथ करीबी संबंध बनाने और भारत..पाकिस्तान के बीच संबंधों में गर्माहट लाने सहित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नीतियों के तहत कई मुद्दों पर एक अहम भूमिका निभाई थी।
चीन के साथ जटिल सीमा विवाद को हल करने को लेकर वार्ता के लिए वह विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए गए थे। नवंबर 1998 में वह देश के प्रथम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए गए। इस पद पर वह 23 मई 2004 तक रहे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 29, 2012, 00:44