Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 23:19
नई दिल्ली : रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज कहा कि शस्त्र प्रणाली का विकास करने में रूस को भारत के साथ अपने संबंध को पूरी तरह से परवान चढ़ाने के लिए संयुक्त उपक्रम वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को अपने जखीरे में शामिल करना चाहिए।
एंटनी ने यहां कहा, ‘‘रूस को अपने जखीरे में ब्रह्मोस को शामिल करना चाहिए ताकि संयुक्त उपक्रम से हासिल सफलता पूरी तरह से परवान चढ़ सके।’’ इस मिसाइल को रूसी सशस्त्र बलों में शामिल किया जाना बाकी है। ब्रह्मोस को निर्माणाधीन रूसी जंगी जहाज पर तैनात किया जा सकता है जो भारतीय नौसेना के तलवार श्रेणी के पोत के समान है।
वह ‘साझेदारी दिवस’ को संबोधित कर रहे थे। भारत और रूस के बीच संयुक्त उपक्रम के रूप में ब्रह्मोस की स्थापना के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर होने की 15 वीं वषर्गांठ के रूप में इसे मनाया गया। एंटनी ने कहा कि वायुसेना के पास जल्द ही जमीन और लड़ाकू विमान से दागी जा सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें होंगी। उन्होंने कहा कि थल सेना, नौसेना और वायुसेना ब्रह्मोस की गति और शक्ति को लेकर इसे एक अहम हथियार मानता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 23:19