Last Updated: Wednesday, March 28, 2012, 07:33
बालेश्वर : ओड़िशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण स्थल से भारत ने बुधवार को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सेना के उपयोग से पहले प्रायोगिक तौर पर इसका परीक्षण किया गया है। रक्षा अधिकारी ने कहा कि मिसाइल का परीक्षण 11.22 मिनट पर परीक्षण परिसर-3 से ग्राउंड मोबाइल लांचर के जरिये किया गया और परीक्षण सफल रहा। 290 किलोमीटर तक मारक क्षमता वाला ब्रह्मोस 200 से 300 किलो परंपरागत विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। अधिकारी ने कहा कि सतह से सतह पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल का परीक्षण सेना के उपयोग से पहले के परीक्षण का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि मिसाइल को पहले ही सेना और नौसना में शामिल कर लिया गया है। ब्रह्मोस के पहले संस्करण को भारतीय नौसेना में 2005 में आईएनएस राजपूत के साथ शामिल किया गया। यह अब सेना के दो रेजिमेंट में पूरी तरह परिचालन में है। इसके हवाई और पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले संस्करण पर काम जारी है। सेना ने अबतक तीन रेजिमेंट में तैनात किये जाने के लिये ब्रह्मोस का आर्डर दिया है और इनमें से दो में पहले ही इसे शामिल किया जा चुका है। रक्षा मंत्रालय ने भी सेना को तीसरे रेजिमेंट में इस मिसाइल को शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसकी तैनाती चीन सीमा से लगे अरूणाचल प्रदेश में की जाएगी।
भारत-रूस की संयुक्त उद्यम कंपनी ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ हवाई और पनडुब्बी संस्करण पर काम कर रही है और परियोजना पर काम जारी है। संयुक्त उद्यम कंपनी के मुखिया देश के प्रमुख रक्षा वैज्ञानिक हैं।
इसके हवाई और पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले संस्करण पर काम जारी है। सेना ने अबतक तीन रेजिमेंट में तैनात किये जाने के लिये ब्रह्मोस का आर्डर दिया है और इनमें से दो में पहले ही इसे शामिल किया जा चुका है। रक्षा मंत्रालय ने भी सेना को तीसरे रेजिमेंट में इस मिसाइल को शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसकी तैनाती चीन सीमा से लगे अरूणाचल प्रदेश में की जाएगी। ब्रह्मोस एयरोस्पेस हवाई और पनडुब्बी संस्करण पर काम कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 28, 2012, 19:38