Last Updated: Wednesday, May 15, 2013, 16:07
मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने शिवसेना नेता जयवंत परब को 20 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। उसी दिन अदालत शहर में दिसंबर, 1992 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिये गये नफरत भरे भाषणों के लिए उन्हें सुनाई गयी दो महीने की कैद की सजा को चुनौती देने वाली उनकी अर्जी पर सुनवाई करेगी। शिवसेना के एक और सदस्य अशोक शिंदे को भी अदालत ने जमानत प्रदान की। न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी ने कहा कि परब और शिंदे की पुनर्विचार याचिकाओं पर 20 जून को सुनवाई की जायेगी।
अदालत ने हाल ही में कहा कि आवेदकों (परब और शिंदे) को 20 जून, 2013 तक जमानत पर छोड़ा जाता है। एक सत्र अदालत ने इस साल 5 मई को परब की एक साल की सजा कम करके दो महीने कर दी थी। मजिस्ट्रेटी अदालत ने जुलाई, 2008 में परब को एक साल की सजा सुनाई थी।
शहर में दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 के दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त विशेष मजिस्ट्रेट ने 9 जुलाई, 2008 को परब के साथ सरपोतदार और शिंदे को भड़काऊ भाषण देने का दोषी ठहराया था। जिससे पहले से ही तनावपूर्ण माहौल में और तनाव बढ़ गया। मजिस्ट्रेट ने सभी को एक साल की साधारण कैद की सजा सुनाई और 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
हालांकि उन्हें सजा सुनाने के तत्काल बाद मजिस्ट्रेट ने उन्हें अस्थाई जमानत दे दी ताकि वे अपनी दोषसिद्धी और सजा को चुनौती देने के लिए अपील दाखिल कर सकें। सरपोतदार का 20 फरवरी, 2010 को निधन हो गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 1992 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बांद्रा के एक मंदिर में गणेश प्रतिमा अपवित्र किये जाने की अफवाह फैल गयी थी। 27 दिसंबर, 1992 को शिवसेना नेता मधुकर सरपोतदार के नेतृत्व में 5000 से अधिक लोगों की भीड़ निर्मल नगर और खेरवाड़ी के रास्ते गणेश मंदिर पहुंची।
वहां सरपोतदार, परब और अन्य शिवसेना नेताओं ने गणेश प्रतिमा की दोबारा स्थापना के दौरान मंदिर में भड़काऊ भाषण दिये जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गयी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 15, 2013, 16:07