भांजा घूसखोर, मामा ने पल्ला झाड़ा

भांजा घूसखोर, मामा ने पल्ला झाड़ा

भांजा घूसखोर, मामा ने पल्ला झाड़ाज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : रेलवे में उंचे पद को फिक्स करने के बदले में 90 लाख रूपए भांजे द्वारा घूस लेने पर गिरफ्तार किए जाने के मामले में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने सफाई देते हुए कहा कि मेरा इस मामले में कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा, भांजे के साथ मेरे कोई व्यावसायिक संबंध या किसी तरह का वित्तीय लेनदेन नहीं है। मेरे ऑफिशियल काम से परिवार को कोई लेना देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में हमेशा ईमानदारी के उच्चतम मानकों का पालन किया है और कोई भी उनके फैसलों को प्रभावित नहीं कर सकता। उन्होंने मामले में त्वरित सीबीआई जांच की मांग की।

बंसल ने बयान में कहा, ‘‘चंडीगढ़ में मेरी बहन की कंपनी पर सीबीआई छापे से जुड़ी कल की घटना के संदंर्भ में मैं कहना चाहता हूं कि मामले के बारे में मेरे पास कोई जानकारी या सबूत नहीं है। कोई करीबी रिश्तेदार, वह या मेरा कोई अन्य रिश्तेदार मेरे आधिकारिक कामकाज में दखल नहीं देता और न ही दे सकता और न ही मेरे फैसलों को प्रभावित कर सकता है। उसके और मेरे परिवार के बीच कोई व्यावसायिक संबंध भी नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सार्वजनिक जीवन में हमेशा ईमानदारी के उच्चतम मानकों का पालन किया है और मैं मामले में सीबीआई द्वारा त्वरित जांच किए जाने की उम्मीद करता हूं।’’ बंसल के भांजे वी. सिंगला को सीबीआई ने कल गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने रेलवे बोर्ड में शीर्ष स्तर का ओहदा दिलाने के लिए 90 लाख रूपये की कथित रिश्वत के मामले में रेलवे बोर्ड के एक सदस्य को भी गिरफ्तार किया है।

सिंगला को हाल में मेम्बर (स्टाफ) के रूप में पदोन्नत हुए और मेम्बर (इलेक्ट्रिकल) जैसा लाभप्रद ओहदा हासिल करने की कोशिश कर रहे महेश कुमार के वाहक मंजूनाथ से कथित तौर पर 90 लाख रूपये की रिश्वत स्वीकार करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई की एक टीम ने कुमार को विमान से दिल्ली से मुम्बई पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है । केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में संदीप गोयल को भी गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर दलाली में सहायता करता था। कुमार पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक थे और गत दिनों उन्हें रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया था। यह पद भारत सरकार में सचिव के पद के बराबर होता है।

रेल मंत्री ने हालांकि, इस मामले में अब तक किसी विभागीय जांच का आदेश नहीं दिया है। सरकार ने हाल में सुबोध जैन को रेलवे बोर्ड में सदस्य इंजीनियरिंग, महेश कुमार को सदस्य कार्मिक और अरूणेन्द्र कुमार को सदस्य यांत्रिक नियुक्त किया था। बोर्ड में सदस्य यातायात का पद अभी भरा जाना है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और रेलवे बोर्ड में वित्तायुक्त अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं और समूचे रेलवे बोर्ड में नए चेहरों के दिखाई देने की उम्मीद है।

First Published: Saturday, May 4, 2013, 09:10

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