Last Updated: Friday, June 22, 2012, 00:46

नई दिल्ली : देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए 19 जुलाई को होने वाले मतदान में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पूर्णो ए. संगमा आमने-सामने होंगे। आंकड़ों और यहां तक कि विरोधी दलों की ओर से मिल रहे समर्थन के लिहाज से इस दौड़ में मुखर्जी रायसीना हिल्स के बेहद करीब दिख रहे हैं जबकि संगमा के लिए यह सपना दूर की कौड़ी साबित होती दिख रही है। सहयोगी दलों की इच्छाओं को नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगमा की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी का समर्थन करने का ऐलान किया।
संगमा को भाजपा के अलावा अकाली दल और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का भी समर्थन हासिल हुआ है। भाजपा की घोषणा के घंटे भर बाद ही जनता दल (युनाइटेड) ने घोषणा की कि वह इस चुनाव में प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करेगा। उधर, मार्क्स वादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और जनता दल (सेक्युलर) ने भी प्रणव मुखर्जी का समर्थन करने की घोषणा कर उनकी राह आसान बना दी है।
अब सबकी निगाहें तृणमूल कांग्रेस पर टिकी है। उसके पास अब दो ही विकल्प हैं। या तो संगमा का समर्थन या फिर खुद को मतदान से दूर रखना। हालांकि अब वह यदि संगमा को समर्थन देती भी हैं तो इसका कोई खास असर नहीं होगा।
बहरहाल, राजग के सहयोगी दलों ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी घटकों में एक राय बनाने की कोशिश की गई लेकिन वह परवान नहीं चढ़ सकी। साथ ही यह भी कहा कि इसका मतलब कतई यह नहीं है कि राजग में कोई फूट है। इस मुद्दे पर घटक दलों की राय एक नहीं है और पूर्व में भी कई ऐसे मौके आए हैं जब दोनों की राय जुदा रही है।
भाजपा ने कहा कि सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने से पहले विपक्ष के साथ विचार-विमर्श नहीं किया इसलिए वह उसके उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन नहीं करेगी। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में संगमा की उम्मीदवारी का समर्थन करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि हमारे पास दो उम्मीदवार एपीजे अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति) व संगमा थे। कलाम ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है इसलिए हमारे पास दूसरे उम्मीदवार संगमा बचते हैं। हम सभी ने तय किया है कि संगमा सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं, इसलिए भाजपा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बन पाई क्योंकि जनता दल (युनाइटेड) व शिवसेना ने अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है।
स्वराज ने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि यदि संप्रग एक उम्मीदवार पर सहमति चाहता था तो उन्हें हमारे साथ चर्चा करनी थी क्योंकि यह तभी सम्भव था। जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामांकित करने से पहले किया था। संगमा ने एक दिन पहले ही बुधवार को राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा की ओर से इस पद के लिए संगमा को समर्थन देने की औपचारिक घोषणा किए जाने के कुछ समय बाद ही जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में प्रणब का समर्थन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए प्रतियोगिता नहीं चाहती थी और उसने राजग को सर्वसम्मति से कोई एक उम्मीदवार तय करने के लिए मनाने की कोशिश की थी।
यादव ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए मेरी पार्टी ने प्रणब का समर्थन करने का निर्णय लिया है। वैसे उन्होंने इस बात पर निराशा जतायी कि संप्रग ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने से पहले एक सहमति पर पहुंचने के लिए सभी दलों से चर्चा नहीं की।
भाजपा द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में संगमा का समर्थन किए जाने के बाद खुद संगमा ने राजग के घटक दलों जद (यू) और शिव सेना के साथ तृणमूल कांग्रेस से समर्थन की अपील की।
संगमा ने संवादाताओं से बातचीत में कहा कि आज मुझे बेहद खुशी है कि भाजपा ने मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है। भाजपा ही नहीं, उसके सहयोगी अकाली दल, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और अन्य छोटी पार्टिर्यो से भी मेरी बात हुई है और उन्होंने मुझे समर्थन देने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि जदयू और शिव सेना ने अलग रुख अख्तियार किया है। मैं एक बार फिर राजग के सभी सहयोगी दलों से अपील करता हूं कि वे मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करें। मैं जल्द अपना कार्यक्रम बनाऊंगा और खुद जाकर राजग और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के सहयोगी दलों से समर्थन की अपील करूंगा।
यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी उन्हें समर्थन देंगी, संगमा ने कहा कि मैंने ममता बनर्जी से बात की है। उनसे समर्थन मांगा है। उन्होंने अपने उम्मीदवार डा. ए. पी. अब्दुल कलाम के लिए समर्थन मांगा है। अब चूंकि कलाम इस दौड़ में नहीं हैं, मुझे पूरी उम्मीद है कि ममता बनर्जी मेरा समर्थन करेंगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मेरा साथ देंगी। बेटी अगाथा संगमा के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी बेटी संप्रग की हिस्सा है। वह मंत्री है और बहुत सुलझी हुई है। उसमें अपने फैसले लेने की क्षमता है। मुझे उसे कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
इस बीच, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने भाजपा की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संगमा को समर्थन देने की औपचारिक घोषणा किए जाने का स्वागत किया। जयललिता ने एक वक्तव्य जारी कर भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि मैं इस बात का स्वागत करती हूं कि अन्य पार्टियां संगमा के समर्थन में आगे आ रही हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को हुई वामपंथी दलों की बैठक में एक राय नहीं बन पाई। मार्क्सावादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और फारवर्ड ब्लॉक ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन करने की घोषणा की वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने मतदान से अलग रहने का फैसला किया। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 22, 2012, 00:46