Last Updated: Friday, May 25, 2012, 23:10

मुंबई : देश के मुख्य विपक्षी दल भाजपा में अंदरूनी विवाद खत्म होने का फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहा है। नरेंद्र मोदी के कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने से एक विवाद सुलझ गया, लेकिन पार्टी की रैली से दो बड़े नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज के अनुपस्थित रहने से आज एक नए विवाद की अटकलों को बल मिला।
आडवाणी और सुषमा ने दो दिन की कार्यकारिणी के बाद परंपरागत सभा में शामिल नहीं होने का फैसला उस वक्त किया, जब नितिन गडकरी को पार्टी अध्यक्ष का दूसरा कार्यकाल दिया गया और मोदी को मनाने के लिए संजय जोशी का इस्तीफा लिया गया। उधर, पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने इन दो प्रमुख नेताओं की गैर मौजूदगी को कम करके दिखाने का प्रयास करते हुए कहा कि आडवाणी का कार्यक्रम पहले से ही तय था इसलिये वह रैली में नहीं रहेंगे, जबकि सुषमा स्वराज को कल सुबह गाजियाबाद में किसी कार्यक्रम में शामिल होना है। यह रैली भाजपा को राजग का नेतृत्व करने वाली एक ऐसी सशक्त पार्टी के रूप में प्रस्तुत करने के लिये हो रही है जो संप्रग का स्थान लेने को तैयार है।
कार्यकारिणी के पहले दिन संजय जोशी का इस्तीफा और इसके बाद मोदी के उपस्थित होने का मुद्दा छाया रहा, वहीं आज दूसरे दिन आडवाणी और सुषमा की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही।इन दोनों बड़े नेताओं की अनुपस्थिति को गडकरी को अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल दिए जाने तथा मोदी का प्रभाव बढ़ता दिखाई देने के प्रति नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है।
उधर, भाजपा ने स्पष्ट किया कि शुक्रवार शाम मुम्बई में आयोजित रैली से पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज की अनुपस्थिति पहले से तय थी। उनके अन्य कार्यक्रम पहले से तय थे, जिस कारण वे रैली में शामिल नहीं हो सके। पार्टी ने कहा कि दोनों नेताओं की रैली से अनुपस्थिति की जानकारी बहुत पहले मिल गई थी। पार्टी की ओर से संवाददाताओं को वह आमंत्रणपत्र भी दिखाया गया जिसमें आडवाणी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था।
पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि आडवाणी का अन्य कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए वह रैली में नहीं आए और सुषमा स्वराज को कल (शनिवार) सुबह गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में शामिल होना है। यह पूछे जाने पर कि दोनों नेताओं ने कहीं पार्टी के संविधान में बदलाव कर नितिन गडकरी को दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की सम्भवाना से नाराज होकर तो नहीं यह फैसला लिया, निर्मला ने कहा कि पार्टी के प्रस्ताव से अप्रसन्नता का कोई सवाल नहीं है। आडवाणी पूरी तरह हमारे साथ हैं। अप्रसन्नता की बात सिर्फ लोगों के मन में है।
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि सबको पहले से पता था कि हम पार्टी के संविधान में संशोधन के प्रस्ताव को पारित करने वाले हैं और ऐसा किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं किया गया है। इससे राज्य और जिला स्तर के पार्टी अध्यक्षों को भी लाभ होगा। जो बात पहले से पती थी, उसके लिए किसी को आखिर क्यों नाराजगी होगी? मुम्बई भाजपा के प्रवक्ता अतुल शाह ने भी कहा कि पिछले सप्ताह मीडिया को जानकारी देते समय उन्होंने खासतौर से कहा था कि आडवाणी रैली के लिए नहीं रुकेंगे।
शाह ने कहा कि सुषमा जी ने भी कहा था कि वह रैली में शामिल नहीं हो पाएंगी, जिसका उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा था कि रैली में शामिल होने के बाद रात को दिल्ली पहुंचने में उन्हें काफी देर हो जाएगी और तब शनिवार सुबह गाजियाबाद में होने वाली रैली को सम्बोधित करना उनके लिए कठिन हो जाएगा। सुषमा स्वराज ने भी इस अटकलों को खारिज किया कि पार्टी नेताओं के बीच कोई मतभेद है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी फैसलों का मैं सम्मान करती हूं। कृपया इसका कोई दूसरा मतलब न निकाला जाए। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 25, 2012, 23:10