Last Updated: Sunday, June 16, 2013, 00:01

पटना : बिहार में भाजपा और जदयू का संबंध विच्छेद लगभग तय दिख रहा है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में भाजपा में नरेन्द्र मोदी का कद बढ़ाये जाने की स्थिति के मद्देनजर गठबंधन पर अंतिम निर्णय करेंगे सत्रह वर्ष पुराने गठबंधन के टूटने का संकेत जदयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने दिया जब उन्होंने कहा कि टूट की घोषणा महज औपचारिकता है।
जदयू प्रमुख शरद यादव के पटना पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने पार्टी सांसदों, विधायकों समेत कई अन्य नेताओं के साथ चर्चा की। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद भाजपा में मोदी का कद बढ़ाये जाने के बाद की स्थिति में नीतीश और यादव को पहले ही गठबंधन पर निर्णय करने के लिए अधिकृत कर चुकी है।
दोनों दलों के संबंधों में उस समय और गिरावट आ गई जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बिहार राजग के संयोजक एवं भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए नीतीश कुमार के आमंत्रण को नजरंदाज कर दिया।
ऐसा लगता है कि भाजपा भी इस स्थिति के लिए तैयार है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा बिहार के हित में संयम बरतते हुए गठबंधन को चलाना चाहती है और वह जदयू के निर्णय की ‘प्रतीक्षा’ कर रही है।
जदयू नेता शिवानंद तिवारी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अहंकारी और फूट डालने वाला बताते हुए कहा कि वह सभी वर्गो को साथ लेकर नहीं चल सकते हैं। आम तौर पर माना जाता है कि तिवारी नीतीश के विचारों को अभिव्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कल जो कुछ कहा, उसके बाद गठबंधन को बचाने के लिए कुछ भी शेष नहीं बचा है। ‘ यह (टूट की घोषणा) महज औपचारिकता रह गई है।’
जदयू नेता ने कहा, ‘ हम इस बारे में स्पष्ट आश्वासन चाहते थे कि किसी भी परिस्थिति में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जायेगा लेकिन राजग को बचाने के लिए भाजपा से बातचीत के दौरान हमें ऐसा आश्वासन नहीं मिला’। उन्होंने कहा, ‘ मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने का आश्वासन नहीं देकर भाजपा ने हमें राजग के बाहर होने को विवश किया है।’ नीतीश से उनके आवास पर मुलाकात से पहले जदयू प्रमुख शरद यादव ने पटना में संवाददाताओं से कहा, ‘ स्थिति कल स्पष्ट होगी।’
पार्टी महासचिव के सी त्यागी के साथ यहां आए शरद ने कहा, ‘ मैं पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम के मद्देनजर राजग के साथ संबंध रखने या नहीं रखने के विषय पर निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री एवं अन्य नेताओं से चर्चा करने के लिए यहां आया हूं।’ पटना आने के तत्काल बाद शरद एक अणे मार्ग पर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास गए और उनके साथ चर्चा की।
जदयू और भाजपा के बीच 17 साल पुराने संबंध खत्म होने का संकेत मिलने पर वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दो घंटे से अधिक समय तक बैठक की।
बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे ने नीतीश से नहीं मिलने के प्रदेश पार्टी नेताओं के निर्णय का बचाव किया। पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘दोनों घटकों के बीच खराब होते माहौल में सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव का मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर जाने की कोई जरूरत नहीं थी।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि वे प्रदेश स्तर के नेता हैं और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर विचार-विमर्श करने के लिए वे अधिकृत नहीं हैं, इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता ही बात कर सकते हैं। बिहार सरकार में पथ निमार्ण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, नीतिन गडकरी वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार सहित सभी बडे मुद्दों पर बात करते रहे हैं। ‘ऐसे में यह मामला हम लोगों के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत नहीं आता। इसलिए मिलने का कोई औचित्य नहीं है।’
बहरहाल, शिक्षा मंत्री एवं जदयू नेता पी के शाही ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि भाजपा के दोनों नेता मु़ख्यमंत्री के आवास पर नहीं आए जबकि नीतीश एवं जदयू के अन्य वरिष्ठ नेता उनका इंतजार करते रहे। राज्य में गठबंधन से अलग हो रहे दोनों दलों के नेताओं में वाकयुद्ध भी देखने को मिली। तिवारी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी अहंकारी व्यक्ति हैं जो उनके व्यक्तित्व से भी झलकता है। उन्होंने सवाल किया कि जदयू जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी किस तरह से ऐसे अहंकारी और विघटनकारी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू ने भाजपा के समक्ष शर्ते रखी थी, शरद यादव ने कहा, ‘हमने भाजपा के समक्ष कोई शर्त नहीं रखी थी। गठबंधन अभी तक राष्ट्रीय एजेंडा पर चल रहा है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।’’ बहरहाल, यह पूछे जाने पर कि भाजपा के लिए दिसंबर की समयसीमा दिये जाने के बावजूद जदयू अभी इस विषय पर क्यों जोर डाल रही है, शिवानंद तिवारी ने कहा कि गोवा बैठक में मोदी को भाजपा के चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया, इसमें कोई शक नहीं कि उन्हें भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मोदी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह ‘प्राइममिनिस्टर इन वेटिंग’ हों। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सी पी ठाकुर ने कहा कि जब टूट लगभग तय है, तब हमें सम्मान और मर्यादा के दायरे में अलग होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 16, 2013, 00:01