Last Updated: Monday, November 26, 2012, 15:36
नई दिल्ली : उत्पादन में भारी बढ़ोतरी के बावजूद बढ़ती आबादी, घटते संसाधन, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकियों को कम कीमतों पर उपलब्ध कराने में मौजूद अड़चनों की वजह से भारतीय कृषि आज भी ‘चौराहे’ पर खड़ी है। यह बात कृषि राज्य मंत्री तारिक अनवर ने सोमवार को कही।
यहां अंतरराष्ट्रीय कृषिविज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए अनवर ने कहा कि देश में खाद्यान उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है और यह 1950-51 के 5.2 करोड़ टन से बढ़कर 2011-12 में 25.74 करोड़ टन हो गया। साथ ही खाद्यानों की प्रति व्यक्ति खपत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके बावजूद यह अन्य देशों के मुकाबले कम है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में कृषि क्षेत्र में अहम बदलाव आए हैं, लेकिन आबादी और आमदनी में बढ़ोतरी के साथ-साथ कीमतों में वृद्धि, खान-पान में बदलाव, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, छोटी हो रही जोत और सस्ती प्रौद्योगिकी की कमी की वजह से कृषि आज भी चौराहे पर खड़ी है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1951 में प्रति व्यक्ति जमीन की उपलब्धता 0.91 हेक्टेयर थी जो कि 2001 में घटकर 0.32 हेक्टेयर रह गयी और 2050 तक इसे कम होकर 0.09 हेक्टेयर रह जाने की आशंका है।
उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए और अधिक प्रबंधित और व्यवस्थित कोशिश करने पर जोर दिया। इस मौके पर कृषि राज्य मंत्री चंद्रदास महंत ने कहा कि वैज्ञानिकों को ऐसे तकनीक इजाद करने चाहिए ताकि कम संसाधनों के जरिये उत्पादन से जुड़े चुनौतियों का सामना किया जा सके। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 26, 2012, 15:36