Last Updated: Sunday, September 29, 2013, 18:46

बीजिंग : भारत और चीन के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अगले महीने प्रस्तावित बीजिंग दौरे से पहले रविवार को सीमा सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्था को अंतिम रूप देने से जुड़े मुद्दों पर चौथे दौर की बैठक की।
चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय कार्य समूह की दो दिनों की बैठक में प्रस्तावित सीमा सुरक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर चर्चा किए जाने की संभावना हैं। इस समझौते का मकसद वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में तनाव का सही ढंग से निवारण करना है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में चीन के सैनिकों की ओर से कई बार घुसपैठ किए जाने की पृष्ठभूमि में आया है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की अगुवाई वाले कार्य समूह का गठन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच की समस्याओं को दूर करने के लिए किया गया था।
अधिकारियों का कहना है कि इस बैठक में बीडीसीए को लेकर चर्चा किए जाने की संभावना है। इस मुलाकात से पहले चीन ने इस कार्य समूह के योगदान की सराहना करते हुए कहा, ‘इसने सीमा संबंधी विभागों के बीच समझ एवं सहयोग को बढ़ाने तथा सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाए रखने एवं संवेदनशील मुद्दों का समय रहते निवारण करने में सकारात्मक भूमिका निभाई है।’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने बीते 26 सितम्बर को कहा था, ‘चीन इस कार्य समूह को शक्ति देने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है ताकि सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम रखी जा सके और सीमा संबंधी सवाल को हल किया जा सके।’
भारत और चीन के बीच सीमा संबंधी विवाद को हल करने के मकसद से अब तक विशेष प्रतिनिधि स्तर की 16 चरणों की वार्ता हो चुकी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चीन के दौरे के समय बीडीसीए पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। सिंह का चीन दौरा अक्तूबर के चौथे सप्ताह में हो रहा है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 29, 2013, 18:33