भारत-चीन वार्ता में उठा घुसपैठ का मुद्दा

भारत-चीन वार्ता में उठा घुसपैठ का मुद्दा

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच वार्ता के दौरान चीनी सेना की ओर से हाल ही में भारत में घुसपैठ करने का मुद्दा उठा। आज बैठक में दोनों पक्षों ने कार्य तंत्र को और प्रभावी बनाने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की जिसमें अधिक विश्वास बहाली (सीबीएम) की संभावना का विषय भी शामिल है। दो दिवसीय आधिकारिक बैठक में दोनों पक्षों ने चीनी पीपुल लिबरेशन आर्मी की ओर से घुसपैठ पर भारत की चिंता की पृष्ठभूमि में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाये रखने के उपायों पर चर्चा की।

भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय से जुड़ी कार्य तंत्र की तीसरे दौर की बैठक की समप्ति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, ‘बैठक रचनात्मक और आगे की ओर बढ़ने वाले माहौल में हुई।’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने अतिरिक्त विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने कार्य तंत्र के कामकाज को और बेहतर तथा प्रभावी बनाने के उपायों पर भी विचार विमर्श किया।

गौरतलब है कि 12 जुलाई से 11 दिनों की अवधि में जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ के पांच मामले सामने आए हैं। लद्दाख की देपसांग घाटी में अप्रैल में दोनों पक्षों के बीच तीन सप्ताह तक चले गतिरोध के बाद सीमा तंत्र पर यह पहली बैठक है। भारतीय पक्ष का नेतृत्व संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौतम बम्बावले ने किया और इसमें विदेश, रक्षा और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के अलावा भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सदस्य भी शामिल थे।

चीनी पक्ष का नेतृत्व सीमा एवं समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक ओउयांग यूजिंग ने किया और इसमें विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ चीन के नेशनल डिफेंस आफ पीपुल्स रिपब्लिक के सदस्य भी शामिल थे। दोनों पक्षों ने चीन की सीमा में आने वाले कैलाश मानसरोबर की यात्रा के लिए अतिरिक्त मार्ग की संभावना पर भी चर्चा की। उत्तराखंड में हाल की बाढ़ के कारण इस प्रदेश से होकर जाने वाला पारंपरिक मार्ग प्रभावित हुआ है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, July 24, 2013, 19:55

comments powered by Disqus