भारत-पाक रिश्ते में चमत्कार की उम्मीद न करें - Zee News हिंदी

भारत-पाक रिश्ते में चमत्कार की उम्मीद न करें




नई दिल्ली : भारत-पाकिस्तान संबंधों में आई गर्माहट को एक सकारात्मक संकेत और अच्छी सफलता करार देते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मंगलवार को कहा कि किसी को इसमें चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

 

उन्होंने पांचवें दक्षिण एशिया सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, फिलहाल पाकिस्तान के साथ रिश्तों में आर्थिक सहयोग के मामले में हम सकारात्मक संकेत देख रहे हैं। यह सही मायनों में सफलता है। यह एक शुरूआत है।

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सफलता के लिए सकारात्मक संकेत हैं लेकिन किसी को भी इसमें चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ संबंधों में विस्तार की गुंजाइश पर उन्होंने कहा, दक्षेस शिखर सम्मेलन के समय हमारे प्रधानमंत्री का उनके पाकिस्तानी समकक्ष के साथ हाल में हुए विचार विमर्श में कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं।

 

पाकिस्तान ने हाल में घोषणा की थी कि वह भारत को सर्वाधिक तरजीही वाले देश का दर्जा प्रदान करेगा ताकि दोनों पड़ोसी देशों के बीच बेहतर व्यापार संबंध हो सकें। भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा 1996 में ही प्रदान कर दिया था लेकिन इस्लामाबाद ने ऐसा करने के मामले में विभिन्न आधार पर अनिच्छा जताई थी। हाल में मालदीव में हुए दक्षेस शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने विभिन्न पहल को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई थी। इनमें संयुक्त आयोग को फिर शुरू करने, तरजीही व्यापार समझौता और उदार वीजा प्रणाली जैसे कदम शामिल हैं।

 

एंटनी ने सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए सामूहिक और नए उपाय अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, आतंकवाद दुनिया भर के देशों और समाजों के लिए एक समस्या बना हुआ है। सीमा पार से संबंध रखने वाले गैर सरकारी पक्षों के कारण गंभीर चुनौतियां पैदा हो रही है। देशों को ऐसे साजिशों से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए सामूहिक एवं अभिनव उपाय करने होंगे।

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि सहयोग नहीं करने की स्थिति में खात्मा हो जायेगा। उन्होंने कहा, हमने कई मित्र राष्ट्रों के साथ रक्षा बलों के आपसी आदान-प्रदान की मात्रा को बढ़ाकर रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल में अफगानिस्तान एवं अन्य पड़ोसी देशों के साथ सामरिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

 

एंटनी ने कहा, भारत ने अफगानिस्तान के साथ सामरिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी प्रकार बांग्लादेश के साथ ढांचा सहयोग समझौता किया गया है। उच्च स्तर पर की जाने वाली यात्राओं और सहयोग में विस्तार के जरिये भूटान, मालदीव, म्यामां, नेपाल और श्रीलंका के साथ हमारे रिश्तों को मजबूत किया गया है।

चीन के सैन्य आधारभूत ढांचे में वृद्धि पर चिंता जताते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज कहा कि भारत इसकी बराबरी करने का प्रयास कर रहा है ताकि देश की सीमाओं की रक्षा की जा सके और एक प्रभावी प्रतिरोध तैयार किया जा सके।

 

उन्होंने कहा, चीन अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहा है तथा सीमा क्षेत्र में उसके आधारभूत ढांचे में भी पर्याप्त बढोतरी हुई है। हम उसको लेकर चिंतित हैं। रक्षा मंत्री ने यह बात चीनी सेना के पूर्वी एवं उत्तरी सेक्टर में हो रहे आधुनिकीकरण के बारे में सवाल पूछे जाने पर यह बात कही।

 

एंटनी ने कहा, हम पूर्वी सेक्टर में अपना आधारभूत ढांचा और सैन्य क्षमताएं बेहतर करते रहे हैं। हम अपनी सैन्य क्षमताओं और आधारभूत ढांचे को संघर्ष के लिए नहीं बल्कि अपनी सीमाओं की सुरक्षा तथा प्रभावी प्रतिरोध तैयार करने के लिए मजबूत कर रहे हैं।  (एजेंसी)

 

 

First Published: Tuesday, November 15, 2011, 18:49

comments powered by Disqus