भारत-पाक वार्ता पर कुछ कहने का समय नहीं: खुर्शीद

भारत-पाक वार्ता पर कुछ कहने का समय नहीं: खुर्शीद

भारत-पाक वार्ता पर कुछ कहने का समय नहीं: खुर्शीदनई दिल्ली : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सितंबर महीने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच होने जा रही वार्ता के बारे में कुछ भी कहने का यह उचित समय नहीं है। दोनों प्रधानमंत्रियों की अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के दौरान मुलाकात तय है।

खुर्शीद ने कहा कि आज की तारीख में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं, क्योंकि यह न तो उचित समय है और न ही वतावरण है जिसमें हम चर्चा कर सकें। यदि हम बात करते हैं तो ढेर सारे काम करने होंगे। लेकिन क्या यह सार्थक हो सकता है, हमें इस पर विचार करना होगा।

उन्होंने कहा कि इसलिए हमें उपयुक्त समय का इंतजार करना चाहिए। जब सभी सूचनाएं एकत्र हो जाएंगी तब हम कोई फैसला ले सकेंगे। खुर्शीद ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री किसी भी मुद्दे से कतरा नहीं रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय या प्रधानमंत्री स्वयं कभी प्रधानमंत्री की टीम से दूरी नहीं बनाएंगे। हमें काम सौंपा गया है और हम उसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व और निगरानी में कर रहे हैं।

खुर्शीद ने यहां एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में उन कार्यो को कर रहे हैं जो विशेष रूप से हमें सौंपा गया है। प्रधानमंत्री सर्वेसर्वा प्रभारी हैं। जो भी हम करेंगे वह अंतिम रूप से उनके पास जाएगा और वे उसपर मंजूरी देंगे। यदि वे महसूस करते हैं कि हमने जो किया है वह गलत है, तो वे हमें कहेंगे कि यह स्वीकार्य नहीं है। लेकिन हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछा नहीं छुड़ा सकते और उसका बोझ प्रधानमंत्री पर नहीं थोप सकते। यह सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ईमानदारी से काम किया।

उन्होंने ईमानदारी वाला काम किया। संसद रक्षा मंत्री का आनन फानन में बयान चाहता था और उन्होंने उस समय तक जो सूचना उपलब्ध थी उसके आधार पर बयान दिया। दो घंटे में मिली हुई सूचना 24 घंटे या 48 घंटे बाद मिली सूचना से भिन्न होती है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, August 8, 2013, 18:53

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