भारत विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं: बांग्लादेश - Zee News हिंदी

भारत विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं: बांग्लादेश

नई दिल्ली: बांग्लादेश ने कहा है कि वह अपनी सरजमीं पर भारत विरोधी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके साथ ही उसने भरोसा दिलाया कि उल्फा सरगना अनूप चेतिया जैसे भोगोड़ों को जल्द ही भारत के हवाले कर दिया जाएगा।

 

भारत-बांग्लादेश गृह सचिव स्तर की वार्ता के बाद आज बांग्लादेश के गृह सचिव मंजूर हुसैन ने कहा कि ढाका नयी दिल्ली के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को उत्सुक है। ये सहयोग नए क्षेत्रों में होंगे और दोनों देशों के हितों के अनुकूल होंगे।

 

दोनों देशों के बीच यह 12वीं गृह सचिव स्तर की वार्ता है। भारतीय गृह सचिव आर के सिंह के साथ एक साझा प्रेस वार्ता में हुसैन ने कहा, ‘बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतें सक्रिय नहीं हैं। हम ऐसे लोगों को इजाजत नहीं देते। हम ऐसी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं देते। परंतु कभी-कभी कुछ चीजें हो जाती हैं। यह एक अलग मुद्दा है। हमारे यहां ऐसे लोगों के लिए शून्य सहिष्णुता है।’

 

दोनों गृह सचिवों ने इस प्रतिबद्धता को दोहाराया कि ऐसी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी जो एक दूसरे के हितों के खिलाफ हो।

 

अनूप चेतिया के प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा कि कुछ कानूनी वजहों से उसे अब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सका है, लेकिन इन वजहों का जल्द समाधान निकाल लिया जाएगा और उसके बाद उसे भारत के हवाले कर दिया जाएगा।चेतिया फिलहाल ढाका की एक जेल में बंद है।

 

बांग्लादेशी गृह सचिव ने कहा, ‘‘कानूनी मामले हमारे हाथ में नहीं हैं। हम उन पर टिप्पणी नहीं कर सकते। मामले अदालत के विचाराधीन हैं। कानूनी प्रक्रिया के पूरा होने के साथ ही हम जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेंगे।’’ सिंह ने कहा कि चेतिया को लेकर बातचीत चल रही है और भारत इस मामले में हुई प्रगति और बांग्लादेश की ओर से उठाए गए कदमों से खुश है।

 

 

उन्होंने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश को अपने सबसे नजदीकी मित्रों में मानते हैं। बीते डेढ़ साल में हमारा सहयोग बहुत नजदीकी रहा है। दोनों देश इस सहयोग से बहुत खुश हैं और इसे आगे भी जारी रखना चाहते हैं।’

 

तीन दिनों की गृह सचिव स्तर की वार्ता के दौरान भारत और बांग्लादेश ने परस्पर कानूनी सहयोग संधि को क्रियान्वित करने, दोषियों को एक दूसरे के यहां स्थानांतरित करने, संगठित अपराध एवं मादक पदाथरे की तस्करी से निपटने पर सहमति जताई है। इन बिंदुओं से जुड़े समझौतों पर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस साल जनवरी में हुए भारत दौरे के समय हस्ताक्षर किए गए थे।

 

दोनों पक्ष सीमा प्रबंधन योजना को भी लागू करने पर सहमत हुए हैं। गृह मंत्री पी. चिदंबरम के इस साल जुलाई में ढाका दौरे के समय इससे जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

 

भारत और बांग्लादेश जल्द ही प्रत्यर्पण संधि को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए हैं। सिंह ने कहा, ‘‘प्रत्यर्पण संधि का मसौदा साझा किया गया है और हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं।’

 

इस बैठक में बांग्लादेश ने अपने संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारों का पता लगाने, उन्हें गिरफ्तार करने और उन्हें सौंपने को लेकर सहयोग मांगा। भारत ने इसमें पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया है।
हुसैन ने कहा, ‘हम भारत से उम्मीद करते हैं कि वह इसे तवज्जो देगा। हम इस दिशा में भारत के प्रयासों की सराहना करते हैं।’

 

सिंह के मुताबिक उन्होंने बांग्लादेशी पक्ष को बता दिया कि सभी हत्यारों को पकड़ने में भारत पूरा सहयोग करेगा।

 

भारत और बांग्लादेश ने जाली मुद्रा की तस्करी रोकने और आगे सतर्कता एवं सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।

 

तीस्ता नदी के जल बंटवारे से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर के समय के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा, ‘इस समझौते पर जल्द हस्ताक्षर हो जाएंगे। यह मुद्दा हमारे बीच एक गांठ की तरह है।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, November 21, 2011, 21:09

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