Last Updated: Wednesday, November 9, 2011, 11:28
जी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के लोकपाल बिल को लेकर बीते महीनों में चले अभियान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पहली बार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात रखी। सोनिया ने कहा कि केवल भाषणों से ही भ्रष्टाचार से नहीं निपटा जा सकता है और न ही इससे भ्रष्टाचार का कोई हल निकल सकता है।
सोनिया का आज उत्तराखंड में एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन लेकिन खराब स्वास्थ्य के चलते वह रैली में नहीं जा सकीं। इसके बजाय, सोनिया के भाषण को रैली में पढ़ा गया।
अपने भाषण में सोनिया ने टीम अन्ना को आड़े हाथ लिया और सरकार की मंशा पर लगातार अविश्वास जताने पर भी सवाल खड़े किए। वह भी उस सूरत में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कई बार यूपीए सरकार की तरफ से लोकपाल बिल लाने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद इस मुद्दे को क्यों बार-बार उठाया जा रहा है। इस मसले पर सरकार प्रतिबद्ध है, तो फिर हाय-तौबा और शोरशराबा क्यों? कांग्रेस अध्यक्षा ने इस बात पर विशेष देकर कहा कि यह संप्रग सरकार ही है, जो सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) को अमल में लेकर आया। 'आरटीआई कानून को किसने दिया, इसे उपर उठकर देखिए'।
उधर, टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर सरकार की गंभीरता को लेकर सोनिया के बयान का स्वागत किया। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर लिखा, उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर अपने वायदे पर कायम रहेंगे और संसद के शीतकालीन सत्र में एक मजबूत लोकपाल विधेयक को पेश किया जाएगा।
वहीं, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सोनिया के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि यह बेहतर होगा यदि कांग्रेस अध्यक्ष भ्रष्टाचार से निजात पाने के लिए संप्रग सरकार की ओर से उठाए गए कदम के बारे में पूरे राष्ट्र को स्पष्ट रूप से बता सकें।
2जी घोटाले की चर्चा करते हुए भाजपा ने मांग की है कि सोनिया को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्यों पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा जेल में हैं, जबकि इस मामले में चिदंबरम की भूमिका पर सवाल तक नहीं किया जा रहा है।
First Published: Thursday, November 10, 2011, 11:38