Last Updated: Friday, December 2, 2011, 05:46
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा सांसद वरुण गांधी को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें 2009 के आम चुनाव के दौरान कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए वरुण को सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई है ।
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएएस निज्जर की पीठ ने कांग्रेस उम्मीदवार वीएम सिंह की याचिका पर वरुण गांधी से जवाब मांगा ।
सिंह ने याचिका खारिज किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है । उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एमएन कृष्णमणि ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए वरुण गांधी के खिलाफ पेश किए गए सबूतों और बारीकियों में गए बिना चुनाव याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया ।
उन्होंने आगे कहा कि उच्च न्यायालय ने चुनाव याचिका को छह महीने की अनिवार्य अवधि के भीतर निपटाए बिना इसे खारिज करने से पहले इस पर फैसले के लिए करीब दो साल का वक्त लिया ।
याचिकाकर्ता ने वरुण पर हिन्दुओं के खिलाफ हाथ उठाने वाले लोगों के दोनों हाथ कटने की धमकी देने का आरोप लगाया है ।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा उम्मीदवार ने भागवद गीता के नाम पर हिन्दुओं से अपने लिए वोट मांगे ताकि ‘भारतीय मुसलमान एक और पाकिस्तान नहीं बना सकें ।’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने इन मुद्दों पर उचित ध्यान नहीं दिया और इस पर जोर दिया कि यदि कथित भाषण दिए भी गए हैं तो ये नामांकन के चरण से पहले दिए गए और इसलिए जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्यता का मामला नहीं बनता ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 2, 2011, 14:21