Last Updated: Thursday, May 17, 2012, 08:49
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली : अगर सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास विधेयक पर संसदीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया तो भूमि अधिग्रहण के लिए मानदंड और कठोर हो जाएगा। स्टैंडिंग कमेटी ने जमीन अधिग्रहण कानून को सख्त करने की सिफारिश की है। जमीन का मुआवजा आयोग द्वारा तय करने और अधिग्रहण में राज्य की भूमिका सीमित करने की भी सिफारिश की गई है।
कमिटी का कहना है कि जमीन पर मुआवजा देने के लिए आयोग बनाया जाए। कृषि योग्य जमीन को बहुफसलीय माना जाए। कमिटी ने यह भी कहा है कि निजी, सार्वजनिक कंपनी के अधिग्रहण के लिए राज्य की जरूरत नहीं है। भूमि अधिग्रहण के साथ पुनर्वास और विस्थापन का भी ध्यान रखा जाए।
जानकारी के अनुसार, ग्रामीण विकास पर संसदीय समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि सार्वजनिक उद्देश्य की परिभाषा और कठोर होनी चाहिए जिससे इसका इस्तेमाल लाभ कमाने के लिए नहीं किया जा सके। समिति ने अहम मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट को कल स्वीकार किया था।
एक अन्य महत्वपूर्ण सिफारिश में कहा गया है कि कृषि के लिए इस्तेमाल की जा रही उर्वर भूमि का सार्वजनिक निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
First Published: Thursday, May 17, 2012, 14:19