Last Updated: Friday, September 6, 2013, 14:13
नई दिल्ली : लोकसभा में शुक्रवार को राजद, जदयू समेत अनेक दलों के सदस्यों ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की अपनी पुरानी मांग को दोहराया।
इस पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि भारत की संसद दुनिया की अकेली संसद है जहां 22 भाषाओं का उपयोग होता है। हम देश में जितनी भाषाएं बोलते हैं, वह सब भारतीय भाषाएं हैं। जहां तक और भाषाओं के लेने की बात है, सरकार के वरिष्ठ मंत्री सुन रहे हैं, वह इस पर गौर करेंगे।
शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाते हुए राजद के प्रभुनाथ सिंह ने कहा कि वह लम्बे समय से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने का मुद्दा उठाते रहे हैं और इस विषय पर पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने आश्वासन भी दिया था लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश समेत दुनिया में 40 लाख लोग भोजपुरी बोलते हैं और कई देशों में इसे मान्यता भी मिली हुई है लेकिन भारत में अब तक यह उपेक्षित है। भाजपा, सपा, जदयू समेत अनेक दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया और सरकार से इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की मांग की।
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि भोजपुरी, राजस्थानी भाषा का विषय सदन में चर्चा के दौरान आया है। आज सदन में इस विषय पर जो भावना सामने आई है, वह इसके बारे में गृह मंत्री को अवगत करा देंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 6, 2013, 14:13