Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 22:53
नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि 1995 के अग्निकांड पीड़ितों को दिए जाने वाले 46 करोड़ रुपए मुआवजे का 55 प्रतिशत भुगतान मंडी डबवाली स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रबंधन को करना होगा। इस त्रासदी में 450 लोग जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल थे, मारे गए थे और 160 लोग जख्मी हुए थे।
न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान और न्यायमूर्ति के. गोपाल गोवडा की खंडपीठ ने स्कूल प्रबंधन की याचिका खारिज करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा भुगतान की राह की अड़चनों को दूर कर दिया। डीएवी पब्लिक स्कूल प्रबंधक समिति ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के 2009 के मुआवजे की राशि 34 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के साथ-साथ छह प्रतिशत ब्याज देने संबंधी फैसले को चुनौती दी थी। इस घटना की जांच करने वाले न्यायमूर्ति टी.पी. गर्ग आयोग ने शुरू में 18 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया था।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के डबवाली कस्बे में डीएवी पब्लिक स्कूल ने एक सामुदायिक भवन में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया था। बिजली के शार्ट सर्किट के कारण आग लगने से सिंथेटिक टेंट में तुरंत आग पकड़ ली और सैंकड़ों लोग उसी में फंस गए। भगदड़ और अग्निकांड में कम से कम 446 लोग मारे गए जिनमें 230 बच्चे थे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 22:53