Last Updated: Thursday, May 30, 2013, 09:56
नई दिल्ली : संप्रग सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की अग्रणी योजना ‘मनरेगा’ के क्रियान्वयन को लेकर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की खिंचाई के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि उसने इन कमियों को दूर करने के लिये कई कदमों की शुरुआत की है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसके लिए एक आदर्श लेखाजोखा फार्मेट तैयार करने और क्रियान्वयन की कमियों को दूर करने के लिए योजना के मूल्यांकन की शुरुआत की है। मंत्रालय ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट के बाद उसने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की निगरानी के लिए व्यापक बहुस्तरीय निगरानी प्रणाली तैयार की है।
कैग की रिपोर्ट के बाद संसद की लोकलेखा समिति के समक्ष दिए गए अपने प्रस्तुतीकरण में मंत्रालय ने कहा कैग की रिपोर्ट के आधार पर वह इसमें भ्रष्टाचार दूर करने के लिए लेखाजोखा रखने के एक आदर्श फार्मेट तैयार करने की प्रक्रिया में है। नियमों और दिशानिर्देशों के अनुरूप काम करने की आवश्यकता पर मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में नए संचालन दिशानिर्देश 2013 के तहत कोष जारी करने के लिए आवश्यक जरुरतों को उल्लिखित किया गया है।
रिपोर्ट में सरकारी लेखापरीक्षक ने ग्रामीण विकास मंत्रालय और केन्द्रीय रोजगार गारंटी परिषद को योजना के राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक स्वंतत्र मूल्यांकन किए जाने की सिफारिश की थी। मंत्रालय ने कहा है कि योजना आयोग ने इसकी शुरुआत की है और वह भी राष्ट्रीय स्तर पर इसका मूल्यांकन कर रहा है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 30, 2013, 09:56