Last Updated: Friday, October 28, 2011, 07:27
जी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मनरेगा कार्यक्रम पर गड़बड़ी के केंद्र सरकार के आरोप के बाद अब सियासी महाभारत छिड़ गया है।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य में मनरेगा के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के बारे में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया और कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है।
प्रदेश के मंत्रिमंडलीय सचिव शशांक शेखर सिंह ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री मायावती ने जयराम रमेश के पत्र में लगाए गए आरोपों और उठाए गए बिंदुओं को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि रमेश का पत्र राज्य सरकार को प्राप्त होने से पहले मीडिया में पहुंचने से उनकी (रमेश) मंशा जाहिर हो रही है। मनरेगा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
शेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर जयराम रमेश द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें (रमेश को) इस संबंध में पहले संवैधानिक प्रावधानों के तहत केंद्र एवं राज्यों के बीच वित्तीय बंटवारे की व्यवस्था की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन में कथित खामियों के बारे में केंद्रीय मंत्री रमेश के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्य से परे करार देते हुए कहा है कि पिछले तीन वर्षों में मनरेगा को लागू करने में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से काफी आगे रहा है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मायावती ने मनरेगा में कथित वित्तीय अनियमितताओं के बारे में केंद्रीय मंत्री की तरफ से आए सीबीआई जांच कराने के सुझाव को खारिज करते हुए कहा है कि राज्य की एजेंसियां भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इस संबंध में 71 प्राथमिकियां दर्ज कराकर 310 अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध निलबंन तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। शेखर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश द्वारा मनरेगा के लिए राज्य सरकार के बजट को रोकने की धमकी पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि रमेश को संभवत: भारतीय संविधान में संघीय व्यवस्था के तहत वित्तीय अधिकारों की जानकारी नहीं है।
मायावती ने मंत्री द्वारा मनरेगा की तुलना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। साथ ही, प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया है कि राज्य सरकार ने हमेशा ही मनरेगा के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर कठोर कार्रवाई की है और मंत्री रमेश द्वारा इंगित मामलों को भी संज्ञान में लिया जा रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 30, 2011, 09:18