Last Updated: Tuesday, December 4, 2012, 16:06
लखनऊ : केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में पारदर्शिता का पता लगाने के लिए इस साल से नरेगा का नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) से आडिट कराया जा रहा है और अगले साल के शुरू तक इसकी रिपोर्ट आ जाएगी।
रमेश ने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात से पहले संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि सरकार ने इस साल से नरेगा का कैग से आडिट की शुरुआत की है और अगले साल 31 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट आ जाएगी, जो राज्यवार भी होगी।
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार ग्राम पंचायतों में भी नरेगा के लिये आये और खर्च हुए धन का सनदी लेखाकार (चार्टर्ड अकाउंटेंट) से आडिट कराया जाएगा। राज्यों से कहा गया है कि वे हर जिले में नरेगा के लिहाज से सबसे ज्यादा खर्च वाली 12 ग्राम पंचायतों को चुनें और बाहर से चार्टर्ड अकाउंटेंट बुलाकर आडिट कराएं
नरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के मामले में उत्तर प्रदेश को बिहार और राजस्थान से भी पिछड़ा होने का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि वे अगले साल मार्च तक नरेगा के तहत काम करने वाली महिलाओं की संख्या कुल मजदूरों की एक तिहाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य लेकर काम करें। रमेश ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को नरेगा के तहत काम के मानदंड तय करते वक्त आधे काम महिलाओं के लिये आरक्षित करने का सुझाव देंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 4, 2012, 16:06