Last Updated: Wednesday, September 12, 2012, 20:56
नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को देश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए कई घोषणायें कीं जिसमें मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवारों को वर्ष में न्यूनम 100 दिन की जगह 150 दिन के रोजगार की गारंटी दी गयी है।
इसके साथ ही सरकार ने सूखा प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए चालू वित्तवर्ष में उनके पुनर्निर्धारित फसल ऋण पर ब्याज दर 12 प्रतिशत से घटा कर सात प्रतिशत कर दी है।
कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि देश में इस बार मानसून की बारिश की कमी अब घटकर आठ प्रतिशत रह गई है इसके बावजूद सरकार को चालू खरीफ मौसम में मोटे अनाज और दलहनों के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है।
पवार ने खुद की अगुवाई वाले मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह (ईजीओएम) द्वारा कल की बैठक में लिये गये फैसलों के संदर्भ में सूखा प्रभावित क्षेत्रों को दी जाने वाली राहत सहायता के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी।
कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे चार राज्यों के 390 से अधिक तालुकों में सूखा घोषित किया गया है।
पवार ने कहा कि जिन राज्यों में सूखा होने की घोषणा की गई है, उनमें से अधिकांश राज्यों ने मनरेगा कार्यक्रम के तहत 100 दिनों की रोजगार गांरटी को बढ़ाकर 150 दिन करने की मांग की गई है। इसलिए ‘‘अब मनरेगा के तहत 150 दिनों का काम अनिवार्य रूप से प्रदान किया जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 12, 2012, 20:56