Last Updated: Wednesday, September 26, 2012, 11:41

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई : महाराष्ट्र में सियासी संकट गहरा गया है। डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे और राज्य सरकार से एनसीपी के सभी मंत्रियों के इस्तीफे की पेशकश के बाद बुधवार को निर्दलीय विधायकों की ओर से उठाए गए कदम के बाद समीकरण बदलने लगे हैं।
आज अजीत पवार के समर्थन में 12 निर्दलीय विधायक उतर गए। निर्दलीय विधायक विलास लांडे ने दावा किया कि यदि अजीत पवार मंत्री रहेंगे तभी हम सरकार को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि अजित सरकार में रहेंगे तभी सरकार के साथ रहेंगे। न्यथा हम दूसरा विकल्प अपनाएंगे। उधर, अजीत पवार के समर्थन में बारामती के व्यापारियों ने बंद का ऐलान किया है।
गौर हो कि महाराष्ट्र की कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार से उप मुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफे के बाद राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को यहां अपराह्न दो बजे राकांपा विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक होगी। यह भी कहा जा रहा है कि एनसीपी विधायक कूपेकर के निधन के चलते यह बैठक रद्द भी हो सकती है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 53 वर्षीय अजित पवार के प्रति वफादारी रखने वाले बहुत से विधायक इस बात पर अड़े हैं कि पार्टी को सरकार से अलग हो जाना चाहिए और पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार को बाहर से समर्थन देना चाहिए। तेरह साल पुराना गठबंधन कल उस समय संकट में आ गया जब 1999 से 2009 के बीच जल संसाधन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिंचाई परियोजनाओं में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की खबरों के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
राकांपा के 20 अन्य मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मधुकर पिचाड को भेज दिए हैं और मांग की है कि पार्टी को गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सूले सहित वरिष्ठ राकांपा नेता कह चुके हैं कि पार्टी के सभी मंत्रियों द्वारा दिए गए इस्तीफे अजित पवार के समर्थन में उमड़ी ‘भावनाओं’ का परिणाम है। राज्य लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार में उप मुख्यमंत्री सहित राकांपा के 20 मंत्री हैं।
First Published: Wednesday, September 26, 2012, 11:41