महिलाओं के पहनावे, फोन पर खाप के फरमान गैरकानूनी: SC, Khap diktat against mobiles for women illegal: SC

महिलाओं के पहनावे, फोन पर खाप के फरमान गैरकानूनी: SC

महिलाओं के पहनावे, फोन पर खाप के फरमान गैरकानूनी: SCनई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि महिलाओं के पहनावे और उन्हें मोबाइल फोन नहीं रखने के बारे में खाप पंचायतों के फरमान गैरकानूनी हैं।

न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के फरमान जीने के मौलिक अधिकार के खिलाफ हैं। न्यायालय ने खाप पंचायतों से कहा कि वे इस बारे में अपना जवाब दाखिल करें।

न्यायालय को केन्द्र सरकार ने सूचित किया कि खाप पंचायतें महिलाओं को मोबाइल फोन लेकर नहीं चलने जैसे फरमान जारी कर रही हैं। इस पर न्यायाधीशों ने कहा, ‘यह (ऐसे फरमान) कानून का उल्लंघन करते हैं। कोई व्यक्ति कैसे किसी दूसरे व्यक्ति को मोबाइल लेकर नहीं चलने के लिए कह सकता है।’

उत्तर प्रदेश और हरियाणा की विभिन्न खाप पंचायतों के नेता उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर आज न्यायालय में हाजिर हुए थे। न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी की जनहित याचिका पर सुनवाई की पिछली तारीख पर खाप पंचायतों का दृष्टिकोण जानने के लिये उन्हें बुलाया था। खाप पंचायतों के नेताओं ने कहा कि न्यायालय में उनके बारे में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी आज न्यायालय में पेश हुये और उन्होंने कहा कि खाप पंचायतों ने सामाजिक दृष्टि से पीछे चलने वाले कुछ प्रस्ताव जरूर पारित किये थे लेकिन वे झूठी शान की खातिर हत्याओं के मामले में प्रत्यक्ष रूप से कभी भी शामिल नहीं रही हैं।

उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ने कहा कि कुछ खाप ने भ्रूण हत्या के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने जैसी सकारात्मक भूमिका भी निभाई है। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 14, 2013, 19:01

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