Last Updated: Wednesday, December 26, 2012, 00:39

इलाहाबाद/वाराणसी : दिल्ली में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार घटना पर गहरी हताशा जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि महिलाओं के खिलाफ ‘‘नकारात्मक धारणाएं’’ खत्म होनी चाहिए जिनके चलते उनके विरूद्ध आपराधिक हमले होते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा एवं सौहाद्र्रपूर्ण माहौल दिया जाना चाहिए ताकि वे राष्ट्र में योगदान दे सकें।
राष्ट्रपति ने यहां मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही इस प्रकार की वीभत्स घटनाओं के प्रति नारजगी उचित है लेकिन हिंसा कोई सामाधान नहीं हो सकता । मुखर्जी ने दिल्ली पुलिस के सिपाही की मौत पर भी शोक जताया जिसकी मौत रविवार को इंडिया गेट पर हुए हिंसक प्रदर्शनों में घायल हो जाने के कारण हुई।
उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति के प्रति सतर्क है तथा यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं बहादुर लड़की के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। समाज के कुछ तत्वों द्वारा महिलाओं के खिलाफ पैदा की जा रही और फैलायी जा रही नकारात्मक धारणा की पृष्ठभूमि में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक हमले हो रहे हैं। इसका अंत होना चाहिए।’’
घटना पर अपनी गहरी हताशा जताते हुए मुखर्जी ने बाद में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विशेष दीक्षांत समारोह में कहा, ‘‘मैं दिल से उस युवती और उनके परिवार की सराहना करता हूं जिन्होंने बेहद विपरीत परिस्थितियों और दहला देने वाले क्षणों में असाधारण साहस का परिचय दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘.. देश ने हमारे युवाओं के क्रोध और नाराजगी को देखा, जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय करने और तथा हमारी महिलाओं के लिए खतरा बने अपराधियों के खिलाफ कठोर सजा के लिए कड़े कानून बनाने की मांग पर दिल्ली और अन्य शहरों में सड़कों पर उतरे।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं निश्चिंत हूं कि सरकार सभी आवश्यक कदम उठायेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि हमारी माताओं, बहनों एवं बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।’’ उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘‘आपकी गुस्सा जायज है। मैं युवाओं के मन की उद्विग्नता समझ सकता हूं। लेकिन कृपया यह याद रखिये कि हिंसा के जरिये कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।
मुखर्जी ने कहा, ‘‘एक समाज के रूप में हमें महिलाओं के बारे में नकारात्मक धाराओं को बदलने के लिए काम करना चाहिए। महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए तथा उन्हें सुरक्षित एवं सौहाद्र्रपूर्ण माहौल उपलब्ध कराया जाना चाहिए जिसमें उनकी प्रतिभा पनप सके तथा अपने देश के निर्माण में वे पूरी भागीदारी निभा सके।’’ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विशेष दीक्षांत समारोह पंडित मदन मोहन मालवीय की 150वीं जयंती पर वर्ष भर चले आयोजनों के समापन अवसर पर आयोजित किया गया था।
नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव को दीक्षांत समारोह में विशेष डाक्टरेट की उपाधि प्रदान की गयी। गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में 23 वर्ष की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। इस घटना के विरोध में विरोध प्रदर्शनों की लहर शुरू हो गयी जिससे राजधानी में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 25, 2012, 22:59