महिला अपराध पर केंद्र, राज्‍य सरकार से जवाब तलब

महिला अपराध पर केंद्र, राज्‍य सरकार से जवाब तलब

महिला अपराध पर केंद्र, राज्‍य सरकार से जवाब तलब नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के प्रति यौन अपराधों के मामलों में सजा देने के लिए दिशा निर्देश सहित ‘रोकथाम और संरक्षण’ के कारगर उपाय करने के लिए दायर जनहित याचिका पर आज केन्द्र और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार की घटना के आलोक में वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा और अन्य वादियों की जनहित याचिका पर केन्द्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इन सभी को तीन सप्ताह के भीतर नोटिस के जवाब देने हैं।

जनहित याचिका में कहा गया है कि इस समय भारत में बलात्कार के जुर्म में सजा देने के लिये कोई सिद्धांत नहीं है और इस वजह से ऐसे मामलों में सजा देने के सवाल पर पूरे देश में व्यापक विसंगति है। याचिका में बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिये दोषियों को सजा देने हेतु दिशानिर्देश तैयार करने का अनुरोध किया गया है। याचिका के अनुसार बलात्कार के अपराध से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अनुसार इस अपराध के लिए दोषी को कम से कम सात साल की सजा हो सकती है, लेकिन उम्र कैद भी हो सकती है या ऐसी अवधि के लिए हो सकती है जो दस साल तक बढ सकती है और उस पर जुर्माना भी होगा।

याचिका में यौन अपराधियों का रजिस्टर बनाने का पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका के अनुसार ऐसा करने से महिलाओं के प्रति यौन अपराधों पर कारगर तरीके से रोकथाम के उपाय किये जा सकेंगे। याचिका में बलात्कार की पुष्टि के लिये प्रचलित परीक्षण के तरीके को गैरकानूनी, असंवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला घोषित करने का अनुरोध किया गया है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 1, 2013, 21:49

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