Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 13:21
ज़ी न्यूज ब्यूरो कोलकाता : माओवादियों के शीर्ष नेता किशनजी की पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के बुरिसोल जंगल में संयुक्त बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई। एक दिन पहले ही वह इस जगह से बचकर निकल गए थे। गृह सचिव आर.के.सिंह ने कहा कि मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि मारा गया व्यक्ति माओवादी नेता किशनजी है। 99 प्रतिशत यकीन है कि शव किशनजी का ही है।
उग्रवाद निरोधी बल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि 58 वर्षीय मोलाजुला कोटेश्वर राव की पहचान जंगलमहल मुठभेड़ के बाद की गई, जिन्हें किशनजी कहा जाता है। सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि किशनजी अपने कुछ साथियों और एक अन्य मारे जा चुके माओवादी नेता की पत्नी सुचित्रा महतो, जिनके साथ वह रह रहे थे, के साथ कुशबनी जंगल में छिपे हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि इलाके को घेर लिया गया और किशनजी के चार स्तर के सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए मुठभेड़ की गई।
कुशबनी जंगल में ही माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य, संगठन के दूसरे नंबर के ओहदेदार और जंगलमहल में वर्ष 2009 से सैन्य अभियानों के प्रभारी किशनजी और सुचित्रा बुधवार को संयुक्त बलों से बचकर निकल गए थे। जामबनी थाना क्षेत्र में बुरिसोल जंगल में गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हुई। यह इलाका झारखंड सीमा के पास कुशबनी से करीब है। अधिकारी ने कहा कि किशनजी की पहचान उनके पास मिली एके-47 राइफल से हुई। सुचित्रा और अन्य सहयोगी मौके से फरार हो गए। संयुक्त बलों को इससे पहले पास के गोसाईंबांध गांव से एक लैपटॉप बैग, किशनजी तथा सुचित्रा के लिखे कुछ पत्र तथा कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
First Published: Friday, November 25, 2011, 11:50