Last Updated: Thursday, June 6, 2013, 09:15

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव की ओर से दायर मानहानि के मामले में अदालत में जमानत नहीं लेने के अपने रुख पर कायम रहे। यह मामला बिजली दरों की बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान शीला दीक्षित के खिलाफ केजरीवाल की कथित टिप्पणियों को लेकर दायर किया गया है।
मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्टेट्र संजय बंसल ने केजरीवाल को इस आश्वासन पर छोड़ा था कि वह सुनवाई की प्रत्येक तारीख पर पेश होंगे। इससे पहले उन्होंने जमानत लेने या किसी तरह का निजी मुचलका या जमानत पेश करने से इनकार कर दिया था।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल बिजली दरों की बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान शीला दीक्षित के खिलाफ ‘आधारहीन’ आरोप लगाकर उनकी मानहानि की। अदालत की ओर से निजी मुचलका या जमानत पेश किए जाने के बारे में कहने पर केजरीवाल ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी मुचलका पेश नहीं करना उनका निर्णय है और वह उनके खिलाफ दायर हर मामले में इसी सिद्धांत का पालन कर रहे हैं। केजरीवाल ने अदालत से कहा कि मैं कोई विशेष व्यवहार नहीं चाहता। कृपया मेरे साथ आम आदमी की तरह व्यवहार कीजिए। यह मेरा अपना निर्णय है कि मैं जमानत मुचलका नहीं पेश करूंगा। जो कानून का तरीका है, उसी की तरह मेरे साथ व्यवहार किया जाए। वह अपने पुराने रुख पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि वह मुचलका पेश करने करने के परिणामों को भुगतने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की जमानत देने का अर्थ है कि इस तरह की आशंका है कि मैं भाग सकता हूं जबकि मामला ऐसा नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि वह अलग से एक पत्र पर लिखकर यह शपथपूर्वक कह सकते हैं कि वह मामले की हर सुनवाई को अदालत में पेश होंगे। शिकायतकर्ता पवन खेड़ा की ओर से पेश वकील महमूद पारचा ने केजरीवाल के रुख का विरोध करते हुए उनसे कहा कि वह कानून को कोई ऐसा प्रावधान दिखाए, जिसमें व्यक्ति को आश्वासन देने पर रिहा कर दिया जाता है। बहरहाल, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि राहत केवल मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त तक ही प्रभावी ही रहेगी। अदालत उसी दिन ही जमानत के मुद्दे पर निर्णय करेगी।
अदालत ने कहा कि जमानत से संबंधित इस मुद्दे का निर्णय सुनवाई की अगली तारीख को किया जाएगा। आरोपी को आदेश पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर देने चाहिए। उसे यह लिखना पड़ा कि वह प्रत्येक सुनवाई को पेश होगा। इसे उसकी शपथ के तौर पर लिया जाएगा। यह सुनवाई की अगली तारीख तक वैध रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 6, 2013, 09:15