Last Updated: Thursday, January 19, 2012, 08:21
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में हाथी की मूर्तियों को ढकने के निर्वाचन आयोग के आदेश को दलित विरोधी बताने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की मुख्यमंत्री मायावती की आलोचना की है। साथ ही 'खुला हाथी लाख का, बंद सवा लाख का' संबंधी बयान पर भी चुटकी ली है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि अच्छा हुआ जो मायावती ने खुद ही हाथियों की असली कीमत बता दी। इससे भाजपा के सत्ता में आने पर हमें उन मूर्तियों की नीलामी में मदद मिलेगी। बेहतर होता कि वह अपनी मूर्तियों की कीमत भी बता देतीं, जिससे हमें उनकी नीलामी में भी मदद मिलती।
उन्होंने निर्वाचन आयोग पर मायवती के हमले को गैर-वाजिब बताया और कहा कि वह भूल रही हैं कि देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और उनके खिलाफ बोलकर वह अल्पसंख्यक विरोधी बयान दे रही हैं। भाजपा नेता ने कहा कि मायावती हर मुद्दे को दलित विरोधी बता देती हैं, जो ठीक नहीं है। अपने हर गलत कारनामे को वह जाति व धर्म का सुरक्षा कवच पहना देती हैं। लेकिन इस बार उनका यह प्रयास सफल नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मायावती ने अपने जन्मदिन पर 15 जनवरी को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में हाथी ढकने के निर्वाचन आयोग के आदेश को दलित विरोधी करार दिया था। निर्वाचन आयोग के फैसले की लगभग खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि 'खुला हाथी लाख का, बंद सवा लाख का।' इस पर निर्वाचन आयोग ने बुधवार को उन्हें सोच-समझकर बोलने का निर्देश दिया।
First Published: Thursday, January 19, 2012, 13:54