Last Updated: Thursday, July 4, 2013, 22:36
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली : आपसी मतभेदों को दरकिनार कर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में साथ-साथ बैठे और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से मुकाबला करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। बैठक में पार्टी महासचिवों के विचार आमंत्रित किये गए थे जिन पर शीर्ष नेतृत्व ने मंथन किया।
आडवाणी ने बोर्ड की बैठक में कुछ विषयों पर सुझाव दिये और मोदी तथा अन्य नेताओं के विचारों पर सहमत दिखे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक तीन घंटे से अधिक चली बैठक में पूरे समय उनके हाव-भाव ‘सकारात्मक’ दिखाई दिये। भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘हमने अपनी आंतरिक समस्याओं से खुद को उबार लिया है। अब मुद्दा भ्रष्टाचार, महंगाई, आर्थिक विकास में मंदी तथा आंतरिक सुरक्षा के विषयों पर कांग्रेस को घेरने का है।’ आडवाणी ने पिछले महीने मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने के बाद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत के हस्तक्षेप के बाद वह मान गये थे।
संसदीय बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के कथित दुरुपयोग के मामले पर भी चर्चा की गयी। इसमें ताजा मामला इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई के आरोप पत्र से संबंधित है। इशरत जहां मामले में सीबीआई के आरोप पत्र में मोदी तथा गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह के नाम नहीं हैं लेकिन भाजपा ने मुठभेड़ को ‘फर्जी’ बताने वाले आरोप पत्र पर आपत्ति जताई है। पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने कहा, ‘संसदीय बोर्ड ने सीबीआई के दुरुपयोग पर चर्चा की और इस बारे में विचार विमर्श किया कि कांग्रेस नीत सरकार किस तरह सीबीआई को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। सरकार एजेंसी को विपक्ष के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं।’
कैबिनेट द्वारा बुधवार को लागू खाद्य सुरक्षा से संबंधित अध्यादेश पर भी भाजपा ने चर्चा की। पार्टी मौजूदा स्वरूप में खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध करेगी और छत्तीसगढ़ के खाद्य सुरक्षा के मॉडल को अपनाने पर जोर देगी जिसमें 90 प्रतिशत जनसंख्या को कानून के दायरे में लिया गया है। बैठक के बाद अनंत कुमार ने बताया कि राजग और संप्रग सरकारों और भाजपा एवं कांग्रेस शासित प्रदेश की सरकारों की तुलनात्मक तस्वीर पेश की जाएगी जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के विकास कार्यों और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठजोड़ द्वारा विकास कार्यों को कथित रूप से अवरुद्ध करने के बारे में बताया जाएगा। भाजपा संसदीय बोर्ड की एक अन्य बैठक 8 जुलाई को प्रस्तावित है।
पार्टी से अलग हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को वापस लेने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इस विषय पर कोई बातचीत नहीं हुई। महत्वपूर्ण घटक दल जदयू के अलग हो जाने पर भी कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने बताया कि चुनाव की ‘युद्धस्तरीय’ तैयारियों के लिए बैठक में तय किया गया कि विभिन्न प्रदेशों में वहां के कार्यकर्ताओं के शिविर आयोजित किए जाएंगे और ‘गांव-गांव चलो, घर-घर चलो’ कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा आने वाले दिनों में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के हर क्षेत्र के प्रत्येक बूथ से कम से कम दस-दस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन किया जाएगा।
कुमार ने कहा कि इसी तरह लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक मतदान केन्द्र के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन देश भर में आयोजित होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड ने तय किया कि बारिश और बाढ़ में तबाह हुए उत्तराखंड के पुनर्निर्माण कार्यों में पार्टी सहयोग करेगी। बचाव कार्य के दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवानों के परिजनों को पांच पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता पार्टी की ओर से दी जाएगी।
First Published: Thursday, July 4, 2013, 22:36