Last Updated: Friday, June 28, 2013, 15:02
नई दिल्ली : सरकार ने आज मांग की है कि चुनाव आयोग को भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेना चाहिए कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च किये थे।
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि मुंडे ने 25 लाख रुपये की सीमा लांघी है तो उन्हें चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए और आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। यदि मुंडे ने कहा है कि उन्होंने सात से आठ करोड़ खर्च किये हैं तो आयोग के लिए उचित होगा कि उनसे इस बारे में पूछे। यह देशहित में होगा और यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
मुंडे ने कल मुंबई में दावा किया था कि उनके 2009 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आठ करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई थी। बीड से सांसद और लोकसभा में भाजपा के उप नेता मुंडे विनय सहस्रबुधे की पुस्तक ‘बियोंड ए बिलियन बैलट्स’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी भी उपस्थित थे।
मुंडे ने अपने लंबे चुनावी करियर और चुनाव लड़ना दिनों दिन खर्चीला होने का जिक्र करते हुए कहा था कि वह 1980 में जब पहला विधानसभा चुनाव लड़े थे तो 29 हजार रुपये खर्च हुए थे जबकि पिछले 2009 के उनके लोकसभा चुनाव में आठ करोड़ रुपये खर्च हुए। इस सवाल पर कि क्या राजनीतिक दल आरटीआई कानून के दायरे में होने चाहिए, तिवारी ने कहा कि आरटीआई का प्रयोजन राजनीतिक दलों को दायरे में लेना नहीं था और आरटीआई कानून में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 28, 2013, 15:02