‘मुंबई में अनशन पर बैठ सकते हैं अन्ना’ - Zee News हिंदी

‘मुंबई में अनशन पर बैठ सकते हैं अन्ना’



नई दिल्ली : राजधानी में बढ़ती सर्दी को देखते हुए अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक पर इस महीने प्रस्तावित अपना अनशन दिल्ली के रामलीला मैदान की जगह मुंबई के आजाद मैदान में कर सकते हैं। अन्ना हजारे की कोर कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

 

संसद के शीतकालीन सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं होने की स्थिति में 27 दिसंबर से अनशन करने समेत भविष्य की अन्य योजनाओं पर कोर कमेटी ने विचार विमर्श किया। टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि संसद में किस तरह के लोकपाल विधेयक को पारित किया जाता है, उस आधार पर अन्ना 27 दिसंबर को अनशन पर बैठेंगे।

 

जो भी हो, उस दिन लोग इकट्ठे होंगे। यह अनशन हो सकता है या संसद से निकलने वाले परिणाम के आधार पर जश्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली के मौसम को देखते हुए हमने मुंबई के आजाद मैदान के लिए भी आवेदन किया है। यदि उस दिन दिल्ली में मौसम सही रहा तो प्रदर्शन या जश्न दिल्ली में होगा। कोर कमेटी ने यह फैसला भी किया कि जिस दिन संसद में लोकपाल विधेयक को रखा जाएगा उनके सदस्य संसद की दर्शक दीर्घा में बैठकर कार्यवाही देखेंगे।

 

उधर, अन्ना हजारे ने अलग से सिटीजन चार्टर लाने के सरकार के प्रस्ताव में आज यह कहते हुए खोट निकाला कि यह संसद की ओर से उन्हें दिये गए आश्वासन के खिलाफ है। अन्‍ना ने संवाददाताओं से कहा कि सिटीजन चार्टर को अलग कानून के रूप में नहीं पेश किया जाना चाहिए। जब संसद ने अपना निर्णय दे दिया है तो उसके लिए अलग विचार देने की क्या आवश्यकता है। यह सही नहीं है। उन्होंने बैठक से पहले कहा कि लोकपाल पर चर्चा करने के लिए कल कैबिनेट की बैठक हुई थी।

 

बैठक के दौरान कैबिनेट ने सिटीजन चार्टर को अलग कानून बनाने पर चर्चा की जिसके बारे में मेरा मानना है कि पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि यह गलत है क्योंकि जब मैं रामलीला मैदान में अनशन कर रहा था तब प्रधानमंत्री ने मुझे पत्र लिखकर यह आश्वासन देते हुए अनशन समाप्त करने को कहा था कि तीन महत्वपूर्ण बिंदु सिटीजन चार्टर, निचली नौकरशाही और राज्य लोकायुक्त विधेयक का हिस्सा होंगे और संसद ने इससे सहमति जताई थी।

 

अन्‍ना ने कहा कि एफडीआई के मामले में ममता बनर्जी ने शानदार कार्य किया। उनके निर्णय ने कई छोटे व्यापारियों को बचा लिया। हमारा अनुरोध है कि भ्रष्टाचार का एक बड़ा खतरा झेल रहे देश को लोकपाल मिलना चाहिए जो कि इसे 100 प्रतिशत नहीं तो 60 से 70 प्रतिशत तो मिटा ही सकता है।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 14, 2011, 21:18

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