Last Updated: Monday, December 17, 2012, 00:13

लखनऊ/नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) ने आज केन्द्र की संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तथा तरक्की में आरक्षण का समर्थन नहीं करने पर वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को सीबीआई के जाल में फंसाने की साजिश रच रही है और इस खेल में भाजपा भी शामिल है।
गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही मुलायम ने यह धमकी दी थी कि यदि तरक्की में आरक्षण संबंधी विधेयक पारित किया गया तो उनकी पार्टी केंद्र सरकार को बाहर से दिए जा रहे अपने समर्थन पर विचार करेगी। कांग्रेस ने यह कहते हुए सपा के इन आरोपों को खारिज किया कि सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है और सरकार किसी भी तरह से इसके मामलों में दखल नहीं देती।
पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, सीबीआई अपना काम खुद करती है। तरक्की में आरक्षण संबंधी विधेयक पर कल राज्यसभा में वोटिंग होने की संभावना है। अल्वी ने कहा कि कांग्रेस राज्यसभा में अपने सांसदों को व्हिप जारी करेगी ताकि वे संविधान (117वें संशोधन) विधेयक 2012 को समर्थन करें। यह विधेयक कानून बन जाने के बाद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को तरक्की में आरक्षण का प्रावधान मुहैया कराएगा।
भाजपा ने सपा की धमकी को ‘‘महज राजनीतिक दिखावा’’ करार दिया। सपा के प्रांतीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनउ में दिए गए एक बयान में आरोप लगाया कि चूंकि मुलायम से निपटने के लिए केंद्र ने उन्हें ‘‘ब्लैकमेल’’ करने की नीति अपनायी है।
बहरहाल, राजेंद्र ने कहा, ‘‘चाहे जो भी हो जाए, सपा अपना फैसला नहीं बदलेगी।’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एफडीआई के जरिए आर्थिक ताना-बाना नष्ट करने के साथ-साथ तरक्की में आरक्षण के माध्यम से सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने में लगी है। इसका विरोध करने पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को घेरने तथा उन्हें सीबीआई का भय दिखाने का भी षड्यंत्र रचा गया है।
बाहर से समर्थन देने वाली सपा और बसपा के फैसलों के बीच केंद्र की संप्रग सरकार फंस सी गयी है । सपा तरक्की में आरक्षण संबंधी विधेयक के खिलाफ है जबकि बसपा संसद में इसे जल्द से जल्द पारित कराने की मांग कर रही है।
कांग्रेस ने कहा है कि वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को तरक्की में आरक्षण देने के प्रति प्रतिबद्ध है । अल्वी ने कहा, ‘‘काफी सोच-विचार के बाद हम इसे लेकर प्रतिबद्ध हुए हैं और हम इसे संसद में पेश करने जा रहे हैं । हमें उम्मीद है कि संसद में यह विधेयक पारित हो जाएगा ।’’ संप्रग को राज्यसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है और संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है ।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘सपा और बसपा कांग्रेस के साथ मिली हुई है । कई मौकों पर दोनों ने संप्रग सरकार को बचाया है...मुलायम की धमकी तो महज राजनीतिक दिखावा है ।’’ (एजेंसी)
First Published: Monday, December 17, 2012, 00:13