Last Updated: Wednesday, September 11, 2013, 21:10
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर और उसके आसपास फैली साम्प्रदायिक हिंसा को ‘जातीय संघर्ष’ बताए जाने संबंधी मुलायम सिंह यादव के बयान की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि सपा प्रमुख ऐसा कह रहे हैं मानो जातीय संघर्ष साम्प्रदायिक संघर्ष से बेहतर चीज है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सिंह की इस टिप्पणी की आलोचना करने के साथ ही उनके द्वारा उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की बैठक बुलाए जाने पर भी सवाल उठाए।
त्रिवेदी ने कहा, ‘यह समाचार है कि मुलायम सिंह ने स्वयं अधिकारियों की बैठक ली है। यह बात न सिर्फ यह प्रमाणित करती है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रशासनिक नियंत्रण में पूर्णत: असफल हो चुके हैं, बल्कि यह सवाल भी खड़े करती है कि सपा प्रमुख ने किस हैसियत से अधिकारियों की यह बैठक बुलाई? यह संवैधानिक दृष्टि से भी सरकार पर एक प्रश्नचिह्न है। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि उत्तर प्रदेश में कानून एवं संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।’
उत्तर प्रदेश सरकार को बख्रास्त नहीं करने के लिए केन्द्र की आलोचना करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक सदभाव को बनाने में अपनी असफलता को स्वीकार करने की बजाय प्रदेश और केन्द्र दोनों की सरकारें भाजपा पर तथ्यहीन और मिथ्या आरोप लगाकर अपने अपने पक्ष में अल्पसंख्यक समुदाय में भय उत्पन्न करके उसका ध्रुवीकरण करने में लगे हुए हैं।’
भाजपा ने आरोप लगाया कि साम्प्रदायिकता के विषय पर सपा का पूरा रवैया वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित, पूर्वाग्रह से ग्रस्त और पक्षपाती रहा है। अगर समय रहते प्रशासन ने निष्पक्षता के साथ प्रभावी कदम उठाए होते तो इस दुखद परिस्थिति से बचा जा सकता था। उसने कहा, ‘आज साम्प्रदायिकता के सवाल पर सरकार की निष्पक्षता पर से जनता का विश्वास उठ चुका है।’
त्रिवेदी ने कहा, सपा की संवदेनहीनता इस बात से झलकती है कि उसके अध्यक्ष मुलायम सिंह इसे ‘साम्प्रदायिक नहीं बल्कि जातीय संघर्ष कह रहे हैं, मानो जातीय संघर्ष साम्प्रदायिक संघर्ष से बेहतर हों।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी वहां की सरकार के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के दबाव में फेल हुई है। उनके अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी औपचारिक रूप से माना है कि साम्प्रदायिक विभेद खतरनाक सीमा तक पंहुच गया है, इस कारण वे असहाय महसूस कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इसीलिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने केन्द्र सरकार से वहां की सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने का आग्रह किया था और आश्वासन दिया था कि ऐसे किसी कदम का भाजपा संसद में पूर्ण समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, ‘लेकिन कांग्रेस नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इतने बड़े और दुखद घटनाक्रम पर खतरनाक चुप्पी साधे हुए है, क्योंकि केन्द्र में उसे सपा का समर्थन चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 11, 2013, 21:10