मुल्लापेरियार मुद्दे पर केरल विस का विशेष सत्र! - Zee News हिंदी

मुल्लापेरियार मुद्दे पर केरल विस का विशेष सत्र!



ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : मुल्लापेरियार बांध के मसले पर जारी मौजूदा विरोध के बीच केरल सरकार इस मुद्दे पर राज्‍य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है। उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केरल के सांसदों के आग्रह के बाद बुधवार को मुल्लपेरियार बांध के मुद्दे को अपने पूर्ण आयोग को भेजने का फैसला किया ।

 

एनएचआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुद्दे को लेकर केरल के सांसद आज सुबह आयोग से मिले और इससे हस्तक्षेप का आग्रह किया। अधिकारी ने बताया कि बैठक के बाद आयोग ने मामला अपने पूर्ण आयोग को भेजने का फैसला किया। इससे पूर्व एक सदस्य द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही थी। केरल के इडुकी जिले में स्थित मुल्लपेरियार बांध को लेकर तमिलनाडु के साथ राज्य की काफी समय से तनातनी चली आ रही है । तमिलनाडु जलाशय में जहां पानी का स्तर बढ़ाना चाहता है, वहीं केरल इस बात पर जोर दे रहा है कि पानी का स्तर वर्तमान 136 फुट से घटकार 120 फुट किया जाए।

 

तमिलनाडु को जलापूर्ति के लिए केरल नए बांध का निर्माण चाहता है लेकिन तमिलनाडु बांध की कार्यात्मकता पर नियंत्रण खो जाने की चिंता के चलते इस कदम का विरोध कर रहा है। केरल के विभिन्न समूहों का कहना है कि बांध उच्च तीव्रता वाले भूकंप के झटकों को महसूस नहीं कर सकता और यह इडुकी, कोट्टायम, एरनाकुलम, अलाप्पुजा तथा पाथनमथित्ता जिलों लाखों लोगों की जिन्दगी और संपत्ति के लिए एक खतरा है ।

 

वहीं, मुल्लापेरियार बांध के कारण केरल के विभिन्न शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन पर गंभीर संकट आने की आशंका व्यक्त करते हुए राज्य के कुछ सांसदों ने बुधवार को भी संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। केरल के सांसदों ने इस विषय पर कल भी धरना दिया था। धरना देने वाले सदस्य इस विषय पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। केरल के सांसदों ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में भी उठाया। आज राज्यसभा में तमिलनाडु के सदस्यों ने भी इस विषय को उठाया।

 

इस विषय पर केरल और तमिलनाडु के सांसदों ने कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। केरल के सांसदों ने कहा था कि केरल को 116 साल पुराने बांध के निकट नए बांध के निर्माण की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को खुद इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए। केंद्र सरकार में केरल मंत्रियों ने भी कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और 116 साल पुराने इस बांध की सुरक्षा केा सुनिश्चि करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की।

 

संसद भवन परिसर में आज धरना देने वाले सांसदों का कहना है कि मुल्लापेरियार बांध के रूप में एक आपदा इंतजार कर रही है। केरल के विभिन्न क्षेत्रों के 25 लाख लोगों का जीवन खतरे में है। यह लोगों के जीवन का प्रश्न है। उनका प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि लोगों के जीवन की रक्षा के लिए कुछ करें। धरना देने वाले सदस्यों ने तमिलनाडु से मानवीय आधार पर इस विषय पर विचार करने की मांग की। सदस्यों का कहना था कि मुल्लापेरियार बांध ‘जल बम’ की तरह है। क्योंकि यह बांध भूकंप का मामूली झटका भी बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।

First Published: Thursday, December 1, 2011, 11:13

comments powered by Disqus