Last Updated: Wednesday, October 24, 2012, 00:30

नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह उनकी कंपनियों में कथित वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच कराएगी । इन मुश्किलों के कारण गडकरी के लगातार दूसरी बार भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। वह दिसंबर में फिर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले हैं।
गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गयी है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
मोइली ने कहा, हमने कोई भी आदेश नहीं दिया है। यह सब तो अखबारों में आ रहा है। चूंकि यह सार्वजनिक हो चुका है, तो हमने अपने मंत्रालय से कहा कि वह इस बात की सही से जांच करे कि आखिर मामला क्या है। क्या कंपनी कानून का कोई उल्लंघन हुआ है? यह सवाल किए जाने पर कि क्या रॉबर्ट वाड्रा के कारोबारी करारों की भी जांच करायी जाएगी, इस पर उन्होंने कहा कि दोनों मामले अलग-अलग हैं और उनमें कोई रिश्ता नहीं है।
गौरतलब है कि मीडिया रपटों में गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में धन के स्रोत पर कई सवाल उठाए गए हैं । मीडिया की पड़ताल में दावा किया गया है कि बड़े निवेशों और पूर्ति को दिए गए कर्ज का इंतजाम निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) समूह ने किया। आईआरबी को साल 1995 से 1999 के बीच ऐसे समय में अनुबंध हासिल हुए जब गडकरी महाराष्ट्र में लोक निर्माण मंत्री थे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 24, 2012, 00:30