Last Updated: Wednesday, June 13, 2012, 14:28

नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज ऐलान किया कि साढ़े चौदह साल की उम्र से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू होकर जनसंघ और भाजपा से गुजरती हुई उनकी राजनीतिक यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उस उम्र से अब तक केवल एक कर्तव्य ने उनके जीवन के उद्देश्य को परिभाषित किया है और वह है मातृभूमि की सेवा करना।
आडवाणी ने कहा कि 55 वर्ष की इस राजनीतिक यात्रा में ‘मैं विनम्रता और संतोष दोनों के साथ यह बात कह सकता हूं कि अपने ज़मीर को लेकर अपनी आंखों में मैंने कोई सवाल नहीं पाया।’’ पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना को सेकुलर बताए जाने की अपनी बात पर आज भी कायम रहते हुए उन्होंने अपने नए ब्लाग में लिखा, ‘पाकिस्तान यात्रा के दौरान मुझे गलत समझा गया और अपनी विचारधारा के साथ विश्वासघात करने का मुझ पर आरोप लगाया गया। मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर दृढ़ खड़ा रहा। इससे मेरा आत्मविश्वास दृढ़ होने के साथ इसने मुझे खुशी दी और जीवन को अर्थ दिया।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने निर्णयों में कई त्रुटियां कीं। मैंने कई कार्यो के निष्पादन में भी गलतियां कीं। लेकिन मैं कभी भी स्वयं को बढ़ाने के लिए षडयंत्रकारी या अवसरवादी कृत्यों में लिप्त नहीं हुआ। न ही अपनी व्यक्तिगत सहूलियत या लाभ के लिए अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया।’ पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे आडवाणी ने आगे लिखा, ‘कई जोखिम उठाते हुए भी मैं अपने आत्मसम्मान और राष्ट्र के हितों के प्रति अपने विश्वास को लेकर अपनी ज़मीन पर खड़ा रहा।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 13, 2012, 14:28