मैं आखिरी दम तक लडूंगा: माधवन नायर - Zee News हिंदी

मैं आखिरी दम तक लडूंगा: माधवन नायर



बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने सोमवार को कहा कि वह आरटीआई के तहत कल तक एक अपील दायर कर उन कारणों को बताने की मांग करेंगे जिनके चलते उनके सरकारी पदभार ग्रहण करने पर रोक लगा दी गई है।

 

नायर ने कहा कि प्रतिबंध के आदेश को रद्द करने के लिए आदेश जारी कर दिए जाने चाहिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं नहीं जानता कि इसमें इतनी देर क्यों लग रही है। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए लड़ूंगा। यह ना सिर्फ मेरे सम्मान की, बल्कि समूचे वैज्ञानिक समुदाय के सम्मान की भी बात है। मुझे इसके लिए आखिरी दम तक लड़ना है।

 

बहरहाल, उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर विश्वास जताया है। नायर ने यहां बताया कि मैं आज या कल (केंद्रीय सूचना आयोग के समक्ष) अपील दायर करूंगा। गौरतलब है कि अंतरिक्ष विभाग ने पिछले हफ्ते उन्हें विशेष सिफारिशों और विवादास्पद एंट्रिक्स-देवास करार में उनकी भूमिका को लेकर उनके सरकारी पदभार ग्रहण करने पर लगाए गए प्रतिबंध की वजह का खुलासा करने से इनकार कर दिया था। अंतरिक्ष विभाग ने इस सिलिसले में मांगी गई सूचना को मुहैया नहीं करने को लेकर आरटीआई की धारा 8(1) एच का उल्लेख करते हुए कहा था कि कुछ और जांच होने की संभावना है और उन ब्योरों का खुलासा होने से जांच पर असर पड़ेगा।

 

प्रतिबंध के ठीक बाद प्रधानमंत्री को उनके द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर नायर ने कहा कि उनका आंकलन है कि सिंह ने शायद अंतरिक्ष विभाग से इस विषय पर विधि मंत्रालय से विचार प्राप्त करने को कहा होगा।

 

नायर ने विधि मंत्रालय के परामर्श के बारे में पिछले हफ्ते जानकारी मिलने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि इस बात (परामर्श) से उन्हें (प्रधानमंत्री को) वाकिफ कराया गया होगा और उन्होंने (प्रधानमंत्री) ने इस विषय पर कोई फैसला किया होगा। मैं यही उम्मीद करता हूं। मंत्रालय ने अंतरिक्ष विभाग के समक्ष यह विचार प्रकट किया था कि इस करार में और जांच की जरूरत नहीं है और इस स्तर पर आरोपपत्र की भी जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि एंट्रिक्‍स-देवास करार में अपनी भूमिका को लेकर नायर और तीन अन्य वैज्ञानिकों के सरकारी पदभार ग्रहण करने पर रोक लगा दी गई थी। नायर ने कहा कि समूचा वैज्ञानिक एवं विधिक समुदाय ने यह विचार प्रकट किया है कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई गैरकानूनी है।

(एजेंसी)

First Published: Monday, March 5, 2012, 19:57

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